Hindi, asked by ramitsonar, 6 months ago

essay on mere priya adyapak​

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Answered by amitpanghal2006
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Answer:

[07/11, 4:18 pm] Charansingh: जब मैं कक्षा 3 और 4 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक सुनील दत्त थे, जिन्होंने मुझे दो साल तक अंग्रेजी और गणित पढ़ाया था। वह बनारस से थे हालांकि, स्कूल के आसपास के क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरी की थी। उनका स्वभाव बहुत ही नम्र और दयालु था। वह कक्षा में छोटे बच्चों को संभालना अच्छे से जानते थे।

[07/11, 4:19 pm] Charansingh: उनके पढ़ाने का अद्वितीय ढंग मुझे आज भी याद है। जो कुछ भी उन्होंने मुझे पढ़ाया, वो सबकुछ मुझे आज भी याद है। उन्होंने मेरी गणित अवधारणाओं को स्पष्ट किया। वर्तमान में, मैं कक्षा 5 में पढ़ता हूँ हालांकि उन्हें बहुत याद करता हूँ। जब कभी भी मुझे गणित के कठिन सवालों को हल करने की आवश्यकता पड़ती है, तो मैं उनसे कभी-कभी मिलता भी हूँ। वह अच्छे शरीर, चमकदार आँखे और भूरे बालों के साथ बहुत ही अच्छे लगते हैं। मैं उन्हें अच्छे व्यक्तित्व और नम्र स्वभाव के कारण बहुत अधिक पसंद करता हूँ।

[07/11, 4:19 pm] Charansingh: वह हमेशा मुस्कुराते हुए हमारी कक्षा में प्रवेश करते थे और सबसे पहले हमारे स्वास्थ्य के बारे में पूछते थे। जब कभी भी खेल के अध्यापक अनुपस्थित होते थे, तो उन्हें हमेशा खेल के सहायक अध्यापक के रुप में भी नियुक्त किया जाता था। उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा है हालांकि, अध्ययन में बहुत ही सख्त है। वह हमेशा उन विद्यार्थियों को सजा देते थे, जो अपना गृह कार्य पूरा नहीं करते थे।

वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले अच्छे अध्यापक थे। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक था। कभी-कभी वह हमें कक्षा टेस्ट में और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने पर चॉकलेट देते थे। वह घर के लिए कभी भी बहुत अधिक गृह कार्य नहीं देते थे। वह बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे।

Answered by yashu32545
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⋇⋆✦⋆⋇ प्रिय अध्यपक् ⋇⋆✦⋆⋇ 

Jiven me Hamare 2 no. guru yani hamare

adhyapak hote he,esa me manti hu.

adhyapak ka sthan koi nahi ke sakta..

oo hamare liye bhut jaruri he.....

hame jiven ke safalta ka rasta dikhate he.

success hone ka jada credit bhi unhehi

jata he....

hamare har bat samjhte he o...

sach me mere pass unke liye shabd bhi nhi he.....

unka sthan bhut bada he.

so,

hamare adhyapako ki har bat hame mananni chahiye...

or me jo abhitak success path

ki taraf ja rhi hu uska karan

mere adhyapak hi he

becoz mujhe jo samjme nhi ata

o unhone bhut achi tarah se

samjaya.

Or mujhe bhi achi tarah se samj ke

liya........

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