Essay on metro ka suhana safar in hindi
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मेट्रो में सफर का रोमांच अब तक मेरे मन में बसा हुआ है। दिल्ली शहर की शोभा देखकर मन प्रसन्न हो गया। ये यूहीं भारत का दिल नहीं कहलाती है। इस शहर की ऊँची इमारतें, चौड़ी सड़कें देखकर मन मुग्ध हो गया।
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