Hindi, asked by vishalkumar732006693, 4 days ago

essay on my school in Hindi​

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Answered by manilaldemodak
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Answer:

मैं बापू बाल विकास विद्यालय सहरसा (बिहार) में पढ़ता हूं। यह स्कूल हमारे शहर के काफी चर्चित मुहल्ला गौतम नगर में स्थित है। साथ ही यह मोहल्ला हमारे शहर के उत्तरी छोड़ पर स्थित है। यह स्कूल हमारे शहर का सबसे अच्छा स्कूल माना जाता है। हमारा विद्यालय काफी स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण वातावरण में स्थित है। मेरा स्कूल मेरे घर से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह दूरी हमारे ख्याल से कुछ ज्यादा नहीं है। इसलिए मैं पैदल या कभी कभी साईकिल से ही अपने स्कूल चले जाता हूं।

अगर मैं पैदल अपने स्कूल जाता हूं। तो करीब 25 मिनट का समय लगता है या अगर साइकिल से अपने स्कूल जाता हूं तो करीब 15 से 20 मिनट की समय लगती है। वैसे अक्सर मैं अपने स्कूल पैदल ही जाया करता हूं। क्योंकि मेरे अगल-बगल के दोस्त भी साथ में चलते हैं और स्कूल जाने के क्रम में मैं अपने दोस्तों के साथ काफी मस्ती करता हूं। मैं अपने विद्यालय में कक्षा 9वीं का छात्र हूँ। मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 10वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है। हमारे स्कूल का इतिहास गौरवमय रहा है।

मेरे स्कूल में 700 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मेरे विद्यालय में 30 कमरा है। जिसमें सभी कक्षा के विद्यार्थियों की पढ़ाई होती है। ये सारे कमरे में दो दरवाजा एवं चार खिड़कियां लगी हुई है। क्योंकि यह सारे कमरे काफी बड़े-बड़े हैं। हमारे विद्यालय 10 शौचालय एवं 5 चापाकल भी है। हमारे विद्यालय का शौचालय दो अलग-अलग भागों में स्थित है। क्योंकि लड़कियों और लड़कों के लिए अलग अलग शौचालय का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा किसी भी सभाओ एवं स्कूल मे आयोजित होने वाली किसी अन्य उत्सवों के लिए एक बड़ा कमरा है। इसके अतिरिक्त एक कार्यालय है।

जिसमें हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य एवं उप-प्रधानाचार्य तथा अन्य शिक्षक अपनी अपनी उपस्थिति एवं अन्य कागजात संबंधी कार्य करते हैं। हमारे विद्यालय में 30 शिक्षक एवं शिक्षिकाएं है, एक प्रधानाचार्य एवं एक उप प्रधानाचार्य हैं। हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य (Principal) का नाम विनोद कुमार शुक्ला है। हमारे प्रधानाध्यापक महोदय पैशे से प्रिंसिपल होने के साथ-साथ एक कुशल वकील भी हैं। हमारे प्रधानाचार्य महोदय काफी शिक्षित एवं दयालु प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। साथ हमारे उप-प्रधानाचार्य भी काफी पढ़े-लिखे एवं सज्जन प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। जब कभी हमारे Principal महोदय किसी कारणवश विद्यालय नहीं आ पाते हैं।

तो उनके जगह पर स्कूल का सारा कार्य-भार हमारे उप-प्रधानाचार्य ही करते हैं और वे काफी ईमानदारी के साथ अपने सारे कार्य संपन्न करते हैं। इसके अतिरिक्त हमारे विद्यालय के 30 शिक्षक-शिक्षिकाओं में 20 शिक्षक एवं 10 शिक्षिकाएं हैं। हमारे विद्यालय के प्रत्येक कक्षा में करीब 40 Bench-Dex लगे हुए हैं। हमारे स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं भी काफी सुयोग्य एवं कुशल है। विभिन्न शिक्षक एवं शिक्षिका विभिन्न विषय पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य महोदय की तरह ही विनम्र एवं दयालु प्रवृत्ति के हैं। मेरा विद्यालय काफी बड़ी जगहों में स्थित है। हमारे विद्यालय के विद्यार्थी प्रत्येक वर्ष शत-प्रतिशत अंको से पास करते हैं। मेरा विद्यालय काफी प्रतिष्ठित है।

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