Essay on my village in hindi
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भारत को गाँवो का देश कहा जाता है सच भी है क्योंकि भारत की कुल आबादी का दो तिहाई हिस्सा गाँवो में ही निवास करता है. गांव भारत देश की रीड की हड्डी है क्योंकि भारत में ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर हैं और कृषि गांव में ही होती है इसलिए भारत के विकास में गांव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. शहरों की तुलना में यहां के लोग बिना किसी उतावलेपन के और बिना किसी अतिरिक्त चिंता के साधारण जीवन व्यतीत करते है
किसी ने सच ही कहा है कि अगर भारत देश को सही मायनों में पहचानना है तो गाँवो में जाकर देखना होगा क्योंकि आज भी भारत के गाँवो में पुरानी संस्कृति जिंदा है आज भी वहां पुराने विचारों को अपनाया जाता है और उन्हीं पुराने ढंग से सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं हर त्यौहार को मिलजुल कर मनाया जाता है.
मेरा गांव बुगाला राजस्थान राज्य के झुंझुनू जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां पर सभी जाति और धर्म के लोग मिल जुल कर रहते है. हमारे गांव में करीब 300 से ज्यादा घर है अब ज्यादातर लोग खेतों में ही रहते है. यहां पर आज भी पुराने जमाने की तरह किसी के यहां विवाह हो या फिर अन्य कोई आयोजन हो तब सभी लोग वहां पर कार्य करवाने के लिए एकजुट हो जाते है उस समय ऐसा लगता है मानो कोई बहुत बड़ा है त्योहार मनाया जा रहा है.
हमारे गांव में शिक्षा को लेकर भी विकास हुआ है यहां पर सरकार द्वारा सीनियर सेकेंडरी तक सरकारी स्कूल भी बनवाई गई है. इस स्कूल में गांव के और आसपास की ढाणियों के बच्चे पढ़ने आते है. हमारे गांव में सभी मुख्य रास्तों पर सरकार द्वारा सड़क बनवा दी गई है जिस से शहर जाने में अब असुविधा नहीं होती है. हमारे गांव में आयुर्वेदिक अस्पताल भी खोला गया है जिसमें गांव के लोग अपना इलाज करवाते है
हमारे गांव की एक अलग पंचायत की है जिसमें गांव के आपस के झगड़े पंचायत में ही सुलझा लिए जाते है. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत आंगनवाड़ी भी बनवाई गई है. हमारे गांव में एक छोटा पोस्ट ऑफिस भी है. हमारे गांव के ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर है और यही उनकी आजीविका का साधन है यहां पर गेहूं मक्का मूंगफली बाजरा आदि की फसल मुख्यतः बोई जाती हैं
सिंचाई के लिए यहां कुछ खेतों में ट्यूबवेल की सुविधा है लेकिन ज्यादातर खेत मानसून की बारिश पर ही निर्भर होते हैं इसलिए आप पर कभी अच्छी फसल होती है तो कभी नहीं भी होती है. यहां पर ज्यादातर लोग गरीब ही है.
हमारे गांव के कुछ लोग आजीविका के लिए लघु उद्योग चलाते हैं और कुछ लोग मुर्गीपालन, पशुपालन करके भी अपनी आजीविका चलाते है. यहां पर संचार साधनों के रूप में मोबाइल और टेलीफोन की सुविधा भी उपलब्ध है यहां पर अब बिजली की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है जिससे अब पूरे गांव में लगभग पूरे दिन बिजली रहती है
हमारे गांव में चारों और हरियाली है यहां के सभी लोग हंसमुख और मिलनसार है. हमारा गांव सही मायनों में एक आदर्श गांव है.
गांव के लोग आधुनिक सुविधाओं से दूर बहुत ही साधारण जीवन यापन करते है. गांव में रहने वाले लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए मुख्यतः कृषि पर निर्भर रहते हैं और साथ ही मुर्गी पालन, पशु पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन आदि भी करते है.
गांव के लोग साधारण भोजन करते हैं वे भोजन में दूध दही और ताजा फल सब्जियों का सेवन करते है जिससे गांव के लोग हष्ट-पुष्ट रहते हैं और कम बीमार पड़ते है. गांव के लोग गरीबी रेखा से नीचे ही जीवन यापन करते है. यहां पर शहरों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं नहीं होती है. यहां का वातावरण ठंडा और प्रदूषण मुक्त होता है यहां की हवा में ताजगी होती है क्योंकि यहां चारों ओर खेत खलियान और पेड़ पौधे होते है.
गांव के ज्यादातर लोग अनपढ़ होते हैं लेकिन जैसे-जैसे भारत विकास कर रहा है गांव में भी अब विद्यालय खुलने लगे हैं यहां पर भी शिक्षा का स्तर ऊपर उठने लगा है लेकिन भारत में जिस तेजी से गांव का विकास होना था उस तेजी से गांव का विकास नहीं हुआ है.