Hindi, asked by lovesunnysingh0688, 11 months ago

essay on na dahej de in hindi​

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Answered by IPearlRoy
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दहेज प्रथा, जिसमें दुल्हन के परिवार को दूल्हे के परिवार के लिए नकदी के रूप में उपहार देने और कीमती चीजें देना भी शामिल है, की काफी हद तक समाज द्वारा निंदा की जाती है लेकिन कुछ लोगों का तर्क यह भी है कि इसका अपना महत्व है और लोग अभी भी इसका अनुसरण कर रहे हैं तथा यह दुल्हन को कई तरीकों से लाभ पहुँचा रही है।

क्या दहेज प्रणाली के कोई लाभ हैं?

कई दंपति इन दिनों स्वतंत्र रूप से रहना पसंद करते हैं और उनको दहेज में मिली ज्यादातर नकदी, फर्नीचर, कार और अन्य ऐसी संपत्तियां शामिल हैं जो उनके लिए वित्तीय सहायता के रूप में काम करती हैं और उन्हें अपना नया जीवन शुरू करने में मदद करती हैं। शादी के वक़्त दोनों दूल्हा और दुल्हन अपना कैरियर शुरू करते हैं और वे आर्थिक रूप से इतने अच्छे नहीं होते कि वे इतने ज्यादा खर्चों को एक बार में वहन कर सकें। लेकिन क्या यह एक वैध कारण है? यदि यह मामला है तो दुल्हन के परिवार पर पूरा बोझ डालने के बजाए दोनों परिवारों को उन्हें बसाने में निवेश करना चाहिए। इसके अलावा यह यह भी हो सकता है कि यदि दोनों परिवार नव-दम्पति को बिना ऋण वित्तीय सहायता प्रदान करें।

कई लोग यह भी तर्क देते हैं कि जो लड़कियां दिखने में अच्छी नहीं होती वे दूल्हे की वित्तीय मांगों को पूरा करके शादी कर लेती हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लड़कियों को बोझ के रूप में देखा जाता है और जैसे ही वे बीस वर्ष की उम्र पार कर लेती हैं उनके माता-पिता की प्राथमिकता यही रहती है कि वे उनकी शादी कर दें। ऐसे मामलों में भारी दहेज देना और यह बुरी प्रथा उन लोगों के लिए वरदान जैसी होती है जो अपनी बेटियों के लिए दूल्हा खरीदने में सक्षम हैं। हालांकि अब ऐसा समय है जब ऐसी सोच को बदलना चाहिए।

Written By : Pearl Roy.

Answered by rekhay934
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Answer:

दहेज़ के दुष्परिणाम अनेक हैं | दहेज़ के आभाव में योग्य कन्याएँ अयोग्य वरों को सौंप दी जाती है | दूसरी और, अयोग्य कन्याएँ धन की ताकत से योग्यतम वारों को खरीद लेती हैं | दोनों ही स्थितियों में पारिवारिक जीवन सुखद नहीं बन पाना |

गरीब माता-पिता दहेज के नाम से भी घबराते हैं | वे बच्चों का पेट काटकर पैसे बचाने लगते हैं | यहाँ तक कि रिश्वत, गबन जैसे अनैतिक कार्य करने से भी नहीं चुकते |

दहेज का राक्षसी रूप हमारे सामने तब आता है, जब उसके लालच में बहुओं को परेशान किया जाता है | कभी-कभी उन्हें इतना सताया जाता है कि वे या तो घर छोड़कर मायके चली जाती हैं या आत्महत्या कर लेती हैं | कई दुष्ट वर तो स्व्यं अपने हाथों से नववधू को जला डालते है |

समाधान के उपाय – दहेज की बुराई को दूर करने के सचे उपाय देश के नवयुवकों के हाथ में हैं | अतः वे विवाह की कमान अपने हाथों में लें | वे अपने जीवनसाथी के गुणों को महत्व दें | विवाह ‘प्रेम’ के आधार पर करें, दहेज़ के आधार पर नहीं | कन्याएँ भी दहेज के लालची युवकों को दुत्कारें तो यह समस्या तुरंत हल हो सकती है |

लड़की का आत्मनिर्भर बनना – लड़कियों का आत्मनिर्भर बनना भी दहेज रोकने का एक अच्छा उपाय है | लडकियाँ केवल घरेलू कार्य में ही व्यस्त न रहें, बल्कि आजीविका कमाएँ ; नौकरी या व्यवसाय करें | इससे भी दहेज की माँग में कमी आयगी |

कानून के प्रति जागरूकता – दहेज की लड़ाई में कानून भी सहायक हो सकता है | जब से ‘दहेज निषेद विधेयक’ बना है, तब से वर पक्ष द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों में कम आई है | परंतु इस बुराई का जड़मूल से उन्मूलन तभी संभव है, जब से वर पक्ष द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों में कमी आई है | परंतु इस बुराई का जड़मूल से उन्मूलन तभी संभव है, जब युवक-युवतियाँ स्वयं जाग्रत हों |

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