essay on nadan dost in hindi
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'नादान दोस्त' कहानी दो भाई-बहन पर आधारित कहानी है। इस कहानी को प्रेमचंद जी ने लिखा है। केशव और श्यामा दो भाई-बहन हैं। उनके घर के कार्निस के ऊपर चिड़िया ने अंडे दिए थे। वे चिड़िया के अंडों की सुरक्षा हेतु विभिन्न उपाय करते हैं। परन्तु उनके उपाय निरर्थक हो जाते हैं। चिड़िया अपने अंडे स्वयं ही तोड़ देती है। दोनों को बहुत पछतावा होता है। परन्तु बहुत देर हो चुकी होती है। वे दोनों अंडों की सुरक्षा के लिए अच्छे कार्य ही करते हैं। परन्तु ज्ञान और अनुभव की कमी के कारण वे उनकी बर्बादी का कारण बन बैठते हैं। प्रेमचंद ने इसीलिए उन दोनों को नादान दोस्त कहा है। यह कहानी हमें सीख देती है कि किसी भी कार्य को करने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित कर लें कि जो आप कर रहे हैं, वह सही है या नहीं। केशव और श्यामा ने चिड़िया के बच्चों के लिए जो भी किया था यदि वे अपने माता-पिता से एक बार पूछ लेते, तो शायद वे उन बच्चों को अपने सामने देख पाते।
Answer:
नादान दोस्त ,प्रेमचंद जी की एक बाल कहानी है ,जिसमें उन्होंने केशव और उसकी बहन श्यामा की नादानी का वर्णन किया है। केशव के घर कार्निस में एक चिड़िया के अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन बार बार चिड़िया को कार्निस के ऊपर आते जाते देखते। बच्चे अपने दूध और जलेबी को भूलकर चिड़ियों की आवाजाही को देखने लगे।
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