Hindi, asked by jyoti1613, 1 year ago

essay on nadi tat in Hindi​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

नदी के तट पर बिताया समय |

मेरा मन कुछ दिनों से मन बहुत उदास था , कुछ अकेला पन और खाली सा लग रहा था | मैं अकेले नदी के किनारे चली गई | और आराम से वहाँ बैठ गई | सच कहूँ तो समय   बिताने का पता ही नहीं चला |

पानी के बहने के आवाज़ इतनी मन को शान्तिः दे रही थी | नदी बस आगे बढ़ती चली जा रही थी | मानो जैसे उसका पीछे कोई नहीं है , उसे बस आगे ही बढ़ना है | नदी को देख बहुत अच्छा लग रहा था और सकारात्मक सोच बन रही थी | ठंडी- ठंडी हवा चली रही थी | दिमाग एक दम ताज़ा सा हो गया | नदी के बिताए एक घंटा  से बहुत सिख कर आई |  

नदी हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है |  

नदी हमेशा आगे की तरफ़ बहती है वह कभी पीछे नहीं मुड़ती|  

नदी जब निकलती है पहाड़ों के बीच से , कितना वेग , कितना साहस , कितना विश्वास ,जैसे कोई फिक्र नहीं , बस दौड़ते जाना है ,बस आगे बढ़ते जाना है |  

नदी कभी घुटने नहीं टेकती |

नदी अपना रास्ता खुद बनती आगे चलती रहती है |

नदी रुकती नहीं है लाख चाहे उसे बांधो, ओढ़ कर शैवाल वह चलती रहेगी।

नदी को बस बहना है बहना और अपनी मंजिल की ओर ,अपनी पहचान कभी नही खोनी है|  

हमें नदी से सिख ले के अपनी ज़िन्दगी में आगे की ओर बढ़ना है और कभी हिम्मत नहीं खोनी है |

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