essay on naitik patan:desh ka patan in hindi
Answers
किसी भी देश की समृद्धि ,संस्कृति और सभ्यता को उस देश में उपस्थित नैतिकता के आधार पर मापा जाता है। देश के लोगो में जितनी अधिक नैतिकता होगी वह देश उसी अनुपात में समृद्ध और सुसंस्कृत होगा। अगर समाज में नैतिकता न हो तो देश भी विकृत हो जाता है। लोगो में अच्छे संस्कार और अच्छी सोच नहीं होगी तो समाज बुराइयों के अँधेरे में चला जायेगा । आपसी भाईचारा ,शांतिपूर्ण वातावरण , सदभावना एवम् नैतिकता की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। लोग अगर नैतिक व्यवहार नहीं करेंगे तो समाज एक जंगल के समान अव्यवस्थित हो जाएगा। अपराध , भ्रष्टाचार ,रिश्वतखोरी आदि नैतिकता के अभाव का ही परिणाम है। और अगर इन बुराईयों को न रोका गया और नैतिकता का पतन इसीप्रकार जारी रहा तो देश का पतन भी निश्चित है।
देश के विकास और सामाजिक खुशहाली के लिए हम सभी को नैतिकता के महत्त्व को समझना होगा और इसे अपने जीवन में अपनाना होगा। हम अपने कर्तव्यों का पालन नैतिकता के साथ करें तो देश के पतन को रोका जा सकता है।
Answer:
नैतिक पतन: देश का पतन
Explanation:
समाज में मनुष्य का व्यवहार और दूसरों के साथ किया गया आचरण यह नियम नीति कहलाते हैं और इन नियमों को पालन करने को नैतिकता कहते है। इस प्रकार एक अच्छे मनुष्य की परीक्षा नैतिकता है और एक अच्छा समाज वही कहलाता है जो कि समाज के नियमों का स्वयं अपनी इच्छा से पालन करें ना कि किसी भय से। आदर्श समाज वही है जो अपने नियमों को अपने संस्कार बना ले। यदि समाज में चोरी और झूठ बोलने की आदतें हैं तो उसे ईमानदार बनने की ओर मुड़ना चाहिए। जिस देश के लोग नैतिक नियमों का पालन नहीं करते वह समाज या वह देश धीरे-धीरे पतन की ओर गिरता चला जाता है। भारत की दुर्गति का मूल कारण यहां के लोगों की अनैतिक होना है। यहां भ्रष्टाचार को बुरा नहीं माना जाता है यहां के बड़े अफसर या नेता अन्य कारणो से सजा भी भुगतते हैं फिर भी चुनाव में खड़े हो जाते हैं इसका अर्थ है कि लोगों ने उनकी अनैतिकता को स्वीकार कर लिया है। किसी चोर, भ्रष्ट और बेईमान नेता का चुना जाना अनैतिक समाज की ओर चलते चले जाना है। ऐसे समाज में किसी प्रकार की प्रगति नहीं हो सकती। जब समाज में कोई प्रखर नेता नैतिकता का झंडा बुलंद करेगा और लोग उसके पीछे चलेंगे तो समाज में कही बदलाव आएंगे और तभी हमें एकता को बचाने के विचार को जिंदा रख पाएंगे।