Essay on nar nari ek saman in hindi for class 7 250 words please help
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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो कि समाज में रहता है। इसकी दो जातियाँ पाई जाती है लड़का और लड़की और समाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए दोनों की ही समान रूप से आवश्यकता है। लड़का और लड़की एक वाहन के दो पहिए है दो साथ मिलकर जीवन रूपी वाहन को चलाते हैं। यह दोनों ही एक समान है दोनों की अपनी अपनी अहमियत है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है लोगों की सोच जो कि उन्हें समानता की दर्जा दे सकती है। इतिहास गवाह है कि प्राचीन काल से ही लड़कियाँ अपनी सुझ बुझ और शक्ति का परीचय देती आई है। वह किसी भी तरह लड़को से कम नहीं है। लोगों की संकुचित सोच ने ही लड़कियों को लड़को से पीछे समझा हुआ हैं। जहाँ लड़की को देवी के रूप में मंदिर में पूजा जाता है वहीं घर और समाज में उसपर शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार भी किए जाते हैं। मध्य काव में पुरूषों को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता थी जबकि लड़की सिर्फ घर में कैद होकर रहती थी।
आधुनिक युग में लड़कियों ने अपने हक फिर से प्राप्त कर लिए हैं। वह हर क्षेत्र में लड़कों से भी आगे है। वह घर समाज और देश का नाम रोशन कर रही है। लड़कियों को किसी भी रूप में लड़को से कमजोर नहीं समझा जा सकता है।
लड़कियों को भी बाहर निकलकर लड़को से मुकाबला करना चाहिए और उनसे आगे निकलकर लोगो कि मानसिकता को बदलना चाहिए। लोगों को लड़कियों को कमजोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि लड़कियों के बिना मनुष्य जीवन आगे नहीं बढ़ सकता। अगर परिवार चलाने के लिए लड़का जरूरी है तो परिवार को आगे बढ़ाने के लिए लड़की जरूरी है। लड़कियों को उनकी सोच और उनके सपने सामने रखने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्हें उनकी जिंदगी उनके हिसाब से जीने देना चाहिए। लड़कियों को लड़के जितनी समानता देने की शुरूआत घर से ही करनी चाहिए। उन्हें घर के हर निर्णय में भागीदारी दी जानी चाहिए। उन्हें लोगों की संकुचित सोच से लड़ने के लिए तैयार करना चाहिए और उन्हें ऐसे पथ पर अगरसर करना चाहिए कि वो लोगों की सोच को बदल सके और लड़का लड़की का भेदभाव खत्म कर सके।
स्कूलों में भी बच्चों को लड़का लड़की की समानता के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। घरों में भी लड़कियों को पूरा सम्मान मिलना चाहिए और लड़को की तरह उनके जन्म पर भी खुशियाँ मनाई जानी चाहिए। लड़की लड़को जितनी ही जरूरी है और लड़किया अच्छी मार्गदर्शक भी होती है।