essay on nari shiksha in hindi in 250 words
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नारी शिक्षा पर निबंध short essay 500 words,Essay on women education .
प्रस्तावना:- शिक्षा हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग है। बिना शिक्षा की किसी के भी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। शिक्षण जीवन के हर पहलू को असर करता है। इस तरह शिक्षण स्त्री पुरुष दोनों का समान हक है। मगर भारत जैसे विकसित देश में स्त्रियों को शिक्षित बनाने के लिए कोई महत्व नहीं दिया गया है। इस निबंध के माध्यम से शिक्षा का नारी जीवन में क्या महत्व है ये उजागर करने का प्रयास करेंगे।
अन्य देशों की तरह भारत भी एक विकसित देश है जिसमें पुराने समय की तुलना में आज हर एक जगह प्रगति और विकास हुआ देख सकते हैं। पुराने समय में नारी का कर्तव्य घरके काम करना, घर संभालना, बच्चे संभाल आदि कामों को ही महत्व दिया जाता था। नारी के पढ़ाई को लेकर कोई ज्यादा व्यवस्था और उनका कोई ज्यादा महत्व नहीं था। मगर बदलते समय के साथ इसमें भी परिवर्तन आया है।
नारी के शिक्षा को लेकर आजकल कई योजनाएं आई है और नारी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है। आज के समय में नारी शिक्षित हो वह बहुत ही आवश्यक हो गया है नारी अगर पढ़ी लिखी होगी तो आने वाली पीढ़ी का निर्माण भी पढ़ा लिखा होगा। नारी घर में आर्थिक रूप से भी सहायक कर सकती है। अगर कोई लड़का पढेगा तो सिर्फ अपने परिवार को ही आगे लाता है मगर जब कोई नारी पढ़ती है। वह अपने साथ साथ दोनों परिवार को भी आगे ला सकती है। इसलिए नारी का पढ़ा लिखा होना बहुत ही आवश्यक है शिक्षित नारी जीवन में आने वाली हर समस्याओं का शिक्षा के माध्यम से अपनी सूझबूझ से बाहर निकल सकती है।
अगर उस पर कभी कभी घरेलू हिंसा हो तो अपने कानूनी नियमों को जानकर वह उसी से भी अन्याय न सहकर न्याय के लिए आगे बढ़ सकती है। बच्चों का पालन पोषण भी शिक्षित होने से अच्छे से कर सकती है। शिक्षित नारी बहुत ही आत्मा विश्वासी होती है शिक्षित होने से धन कमाकर अपने और अपने परिवार की आर्थिक रूप से मदद कर सकती है। इसलिए नारी के जीवन में शिक्षा बहुत ही महत्व है जीन के लिए आज के समय में सरकार ने भी हर नारी को शिक्षा मिले इसलिए फ्री में शिक्षण की भी व्यवस्था की है तदुपरांत नारी को शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से पढ़ने वाली हर नारी को पाठ्यपुस्तक, यूनिफॉर्म, स्कूल जाने के लिए साइकिल जैसी कई चीजे स्कूल की तरफ से दिया जाता है।
अच्छे नंबरों से पास होने वाली लड़कियों के लिए पुरस्कार के रूप में नकद रुपयों देने का सरकार द्वारा प्रस्थापित किया गया है। कइ पिछले नगरों में नारियों को स्कूल ले जाने के लिए बस जैसी सुविधाएं भी सरकार द्रारा पर्याप्त की गई है।
शिक्षा का प्रचार:- आज हमारे भारत देश मे शिक्षा का काफी प्रचार हो गया है। नवीनतम आंकड़ो के अनुसार भारत की सम्पूर्ण जनसंख्या का करीब 73 प्रतिशत भाग शिक्षित है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 45 में ये प्रावधान है, कि 14 वर्ष तक कि आयु के बच्चो को मुफ्त शिक्षा देना राज्य का कर्तव्य है। भारत मे महिलाओ का 64.6 प्रतिशत भाग शिक्षित है। इस प्रतिशत में शहरी महिलाओं की संख्या अधिक है। स्वतंत्रता के उपरांत हमारे देश मे शिक्षा का व्यापक प्रचार हुआ है। केरल, मिजोरम, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, आदि राज्यो में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ा है। केरल देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां के कोट्टायम-एनारकुलम जैसे जिलों में शत-प्रतिशत शिक्षित रहते है।
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भारतीय समाज के सही आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नारी शिक्षा बेहद ज़रूरी है। महिला एवं पुरुष दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं।
जिस तरह से साइकिल का संतुलन दोनों पहियों पर निर्भर होता है उसी तरीके से समाज का विकास भी पुरुष और महिला के कन्धों पर आश्रित है। दोनों ही देश को नई ऊँचाईयों तक ले जाने की क्षमता रखते हैं इसलिए दोनों को ही बराबर की शिक्षा का हक़ मिलना जरुरी है। अगर इन दोनों में से किसी भी एक की शिक्षा का स्तर गिरा तो समाज की प्रगति होना नामुमकिन है।
भारत में महिला सुरक्षा के लाभ:
भारत की उन्नति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरुरी है क्योंकि अपने बच्चों की पहली शिक्षक माँ ही होती है जो उन्हें जीवन की अच्छाईयों और बुराइयों से अवगत कराती है। अगर नारी शिक्षा को नजरंदाज़ किया गया तो देश के भविष्य के लिए यह किसी खतरे से कम नहीं होगा। एक अनपढ़ महिला में वो काबिलियत नहीं होती जिससे वह अपने परिवार, बच्चों का सही ख्याल रख सके। इस कारण आने वाली पीढ़ी कमज़ोर हो जाएगी। हम महिला साक्षरता के सारे लाभ की गिनती तो नहीं कर सकते पर इतना जरुर कह सकते है की एक शिक्षित महिला अपने परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकती है, उन्हें अच्छे बुरे का ज्ञान दे सकती है, सामाजिक तथा आर्थिक कार्य करके देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकती है।
एक पुरुष को शिक्षित करके हम सिर्फ एक ही व्यक्ति तक शिक्षा पहुँचा पाएंगे पर एक महिला को शिक्षित करके हम पूरे देश तक शिक्षा को पहुँचा पाएंगे। महिला साक्षरता की कमी देश को कमज़ोर बनाती है। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि महिलाओं को उनकी शिक्षा का हक़ दिया जाए और उन्हें किसी भी तरह से पुरुषों से कम न समझा जाए।
निष्कर्ष:
आज के समय में भारत महिला साक्षरता के मामले में लगातार प्रगति कर रहा है। हिंदुस्तान के इतिहास में भी बहादुर महिलाओं जिक्र किया गया है। मीराबाई, दुर्गावती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई जैसी कुछ मशहूर महिलाओं के साथ-साथ वेदों के समय की महिला दर्शनशास्त्री गार्गी, विस्वबरा, मैत्रयी आदि का भी उदाहरण इतिहास का पन्नो में दर्ज है। ये सब महिलाएं प्रेरणा का स्रोत थी। समाज और देश के लिए दिए गये उनके योगदान को हम कभी नहीं भूल सकते।