essay on nashe ke dushparenam in hindi short on 8 std
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नशा एक अभिशाप- नशा एक अभिशाप है । यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है । नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है । नशे करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है । वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है । नशा अब एक अन्तराष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है । दुर्व्यसन से आज स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग और विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है । इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पा लेने में ही मानव समाज की भलाई है । जो इसके चंगुल में फंस गया वह स्वयं तो बर्बाद होता ही है इसके साथ ही साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है । आज कल अक्सर ये देखा जा रहा है कि युवा वर्ग इसकी चपेट में दिनों-दिन आ रहा है वह तरह-तरह के नशे जैसे- तम्बाकू, गुटखा, बीडी, सिगरेट और शराब के चंगुल में फंसती जा रही है । जिसके कारण उनका कैरियर चौपट हो रहा है । दुर्भाग्य है कि आजकल नौजवान शराब और धूम्रपान को फैशन और शौक के चक्कर में अपना लेते हैं । इन सभी मादक प्रदार्थों के सेवन का प्रचलन किसी भी स्थिति में किसी भी सभ्य समाज के लिए वर्जनीय होना चाहिए ।
smrutipardhe:
thnx
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