Essay on Natural disaster in hindi
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प्राकृतिक आपदा
प्रकृति के द्वारा किए गए ऐसे अकस्मात एवं नुकसानदायक परिवर्तन , जिससे जन जीवन प्रभावित होता है प्राकृतिक आपदाए कहलाती हैं । बाढ़ , भूकंप , तूफान , सुनामी आदि प्राकृतिक आपदाए है। जिस क्षेत्र मे इस तरह की कोई आपदा आती है तो वहाँ निवास करने वाले सभी मनुष्य एवं जीव जन्तुओं का सामान्य जीवन प्रभावित हो जाता है । अगर आपदा बहुत तीव्र है तो जन धन की हानी भी होती है ।भारी वर्षा के कारण भूमि के बहुत बड़े क्षेत्रफल पर नदी , नहर आदि के जल का फैल जाने की स्थिति ही बाढ़ कहलाती है । सामान्यतः नदी के आसपास वाले इलाको मे , वर्षा ऋतु के समय बाढ़ आने की संभावना अधिक होती है । गाँव , कस्बे ,शहर आदि मे बाढ़ आने की वजह से जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है । कई बार बाढ़ आने की वजह से मकान ढह जाते है , जन धन की हानि भी होती है । बाढ़ से फ़सले भी नष्ट हो जाती है या फिर उन्हे काफी नुकसान हो जाता है । बाढ़ आने की मुख्य वजह तो भरी बारिश ही है परंतु कुछ अप्रत्यक्ष कारण भी है जैसे- जंगलों की अंधाधुंध कटाई , मिट्टी का कटाव , ग्लोबल वार्मिंग आदि। बाढ़ को रोकने के लिए नदियों पर बनाए गए बांध (डेम) काफी कारगर साबित हुये है। नए नए तालाब बनाकर भी बाढ़ को कम किया जा सकता है। परंतु बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसे पूर्ण रूप से रोकना असंभव है ।
गंगा, दामोदर ,कोसी , ब्रह्मपुत्र् आदि भारत की नदियो द्वारा लगभग हर साल आसपास के इलाको मे बाढ़ लाई जाती है। अभी कुछ वर्ष पूर्व , उतराखंड मे आई बाढ़ मे हजारो लोग मारे गए। शासन द्वारा भी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सेना की मदद से प्रयास किए जाते है ।
भूकंप भी एक प्राकृतिक आपदा है । भूमि के अंदर होने वाली टेक्टोनिक क्रियाएँ , भूकंप आने का प्रमुख कारण है। भूकंप से धरती हिलने लगती है और अगर भूकंप की तीव्रता अधिक हो तो इमारते , मकान , ब्रिज आदि ढहने लगते है। मकान गिरने से कई लोगो की मौत भी हो जाती है । भारत मे कच्छ (गुजरात ) तथा नेपाल मे हाल ही मे आए भूकंप से हजारो लोगो की मौत हुई । भूकंप को रिक्टर पैमाने पर नापा जाता है । भूकंप से निपटने के लिए भूकंप रोधी मकान बने जा रहे है । तूफान ,सायक्लोन आने से भी जन जीवन प्रभावित होता है । अभी हाल ही मे आये तूफान हुड हुड के कारण उड़ीसा मे काफी नुकसान हुआ।
समुद्र के अंदर आने वाली बहुत ऊंची लहरों से तटीय इलाको मे पानी भर जाता है और बहुत नुक्सान होता है , इसे ही सुनामी लहरे कहते है। ये मुख्यतः समुन्द्र के अंदर भूकंप के आने से उत्पन्न होती है ।इन सभी प्राकृतिक आपदाओ को रोकना असंभव है इसी लिए सभी को इन से बचाव के बारे मे जागरूक होना चाहिए है ।
प्रकृति के द्वारा किए गए ऐसे अकस्मात एवं नुकसानदायक परिवर्तन , जिससे जन जीवन प्रभावित होता है प्राकृतिक आपदाए कहलाती हैं । बाढ़ , भूकंप , तूफान , सुनामी आदि प्राकृतिक आपदाए है। जिस क्षेत्र मे इस तरह की कोई आपदा आती है तो वहाँ निवास करने वाले सभी मनुष्य एवं जीव जन्तुओं का सामान्य जीवन प्रभावित हो जाता है । अगर आपदा बहुत तीव्र है तो जन धन की हानी भी होती है ।भारी वर्षा के कारण भूमि के बहुत बड़े क्षेत्रफल पर नदी , नहर आदि के जल का फैल जाने की स्थिति ही बाढ़ कहलाती है । सामान्यतः नदी के आसपास वाले इलाको मे , वर्षा ऋतु के समय बाढ़ आने की संभावना अधिक होती है । गाँव , कस्बे ,शहर आदि मे बाढ़ आने की वजह से जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है । कई बार बाढ़ आने की वजह से मकान ढह जाते है , जन धन की हानि भी होती है । बाढ़ से फ़सले भी नष्ट हो जाती है या फिर उन्हे काफी नुकसान हो जाता है । बाढ़ आने की मुख्य वजह तो भरी बारिश ही है परंतु कुछ अप्रत्यक्ष कारण भी है जैसे- जंगलों की अंधाधुंध कटाई , मिट्टी का कटाव , ग्लोबल वार्मिंग आदि। बाढ़ को रोकने के लिए नदियों पर बनाए गए बांध (डेम) काफी कारगर साबित हुये है। नए नए तालाब बनाकर भी बाढ़ को कम किया जा सकता है। परंतु बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसे पूर्ण रूप से रोकना असंभव है ।
गंगा, दामोदर ,कोसी , ब्रह्मपुत्र् आदि भारत की नदियो द्वारा लगभग हर साल आसपास के इलाको मे बाढ़ लाई जाती है। अभी कुछ वर्ष पूर्व , उतराखंड मे आई बाढ़ मे हजारो लोग मारे गए। शासन द्वारा भी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सेना की मदद से प्रयास किए जाते है ।
भूकंप भी एक प्राकृतिक आपदा है । भूमि के अंदर होने वाली टेक्टोनिक क्रियाएँ , भूकंप आने का प्रमुख कारण है। भूकंप से धरती हिलने लगती है और अगर भूकंप की तीव्रता अधिक हो तो इमारते , मकान , ब्रिज आदि ढहने लगते है। मकान गिरने से कई लोगो की मौत भी हो जाती है । भारत मे कच्छ (गुजरात ) तथा नेपाल मे हाल ही मे आए भूकंप से हजारो लोगो की मौत हुई । भूकंप को रिक्टर पैमाने पर नापा जाता है । भूकंप से निपटने के लिए भूकंप रोधी मकान बने जा रहे है । तूफान ,सायक्लोन आने से भी जन जीवन प्रभावित होता है । अभी हाल ही मे आये तूफान हुड हुड के कारण उड़ीसा मे काफी नुकसान हुआ।
समुद्र के अंदर आने वाली बहुत ऊंची लहरों से तटीय इलाको मे पानी भर जाता है और बहुत नुक्सान होता है , इसे ही सुनामी लहरे कहते है। ये मुख्यतः समुन्द्र के अंदर भूकंप के आने से उत्पन्न होती है ।इन सभी प्राकृतिक आपदाओ को रोकना असंभव है इसी लिए सभी को इन से बचाव के बारे मे जागरूक होना चाहिए है ।
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ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं।[1] वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है।
ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है।
भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है।
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