essay on NAVBHARAT NIRMAN in Hindi
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भारत के संबंध में एक बात गौर करने वाली है - यह एक ऐसा राष्ट्र है जहां लोगों में वफादारी की भावना बहुत अधिक है। अगर आप उनके लिए कुछ करते हैं तो वे हमेशा आपके प्रति समर्पित रहेंगे। दूसरी बात जो मैं हमेशा देखता हूं कि भारत के सामान्य लोगों की बौद्धिक क्षमता इस ग्रह पर मौजूद अन्य लोगों से अधिक है। मैंने हर तरह के समूहों के साथ बातचीत की है। चाहे वो समूह शिक्षाविदों का हो, वैज्ञानिकों का हो या व्यवसायिक दुनिया में प्रतिष्ठित व्यक्तियों का हो, निस्संदेह वे लोग भी बहुत उत्कृष्ट हैं, लेकिन मैं जो कहना चाह रहा हूं, वो ये कि भारत के सामान्य लोगों के पास बुद्धि का एक खास स्तर है। यह स्तर हजारों साल से चली आ रही संस्कृति के प्रभाव से बना है। हमें इसका उपयोग करने की जरूरत है। अगर आप इस बुद्धि का लम्बे समय तक उपयोग नहीं करते हैं तो इसका स्तर नीचे चला जाएगा और यह अचल हो जाएगी। लेकिन अभी यह बुद्धि बेहद उत्साही हैै। अगर आप एक व्यक्ति को थोड़ा सा भी सहारा देते हैं तो वो तरक्की कर जाएगा।
आज भारत आर्थिक उन्नति की दहलीज पर खड़ा है। कई चीजें, जिन्हें देश की एक बड़ी आबादी को मुहैया कराने की सोचना सपने में भी संभव नहीं था, उन्हें अगले कुछ वर्षों में देश की एक बड़ी जनसंख्या तक पहुंचाया जा सकता है, अगर हम चीजों को सही तरीके से संभालते रहे तो। बड़ी संख्या में लोगों को लाभ होगा। हम इस समय प्रगति के चैखट पर खड़े हैं और अगर हम स्थितियों को होशियारी से संभालते हैं तो हम एक अद्भुत शक्ति बन सकते हैं। क्योंकि हमारी आबादी एक अरब तीस करोड़ की है। आवश्यक बुद्धि से युक्त एक अरब तीस करोड़ की यह आबादी एक बहुत बड़ी ताकत है। अगर हम अपना सही उपयोग करते हैं तो हम एक बहुत बड़ी शक्ति बन सकते हैं।
शक्ति का मतलब यह नहीं होता कि हमारे पास संसार की सबसे बड़ी सेना हो। शक्ति का मतलब होता है कि अगर दुनिया के लोग सुख और शांति के साथ जीना चाहते हैं तो इसके लिए वो आपका मार्गदर्शन चाहेंगे। भारतीय संस्कृति के पास हमेशा से यह शक्ति थी। लोग जब सोचते थे कि जीवन अच्छा कैसे बने तो वे पूरब की ओर देखते थे। ऐसा नहीं है कि हम आधारहीन बात कर रहे हैं। इतिहास इस बात का गवाह रहा है। लेकिन आज हमारी संस्कृति का पतन हो चुका है। सभी को यह बात समझनी चाहिए कि सभी संस्कृतियों में यह होता है, उत्थान भी होता है और पतन भी होता है। एक पीढ़ी के रूप में अगर हम इस बात को महसूस करते हैं तो हमें अपनी संस्कृति को ऊपर उठाना होगा। यह मुफ्त में नहीं होगा, प्रत्येक व्यक्ति को इसके लिए काम करना होगा।
Explanation:
नए भारत का निर्माण:
नए भारत को नए विचारों के बारे में सोचने, नई नीतियां बनाने और देशभक्ति के साथ उन नीतियों को लागू करने के लिए बनाया जा सकता है। भारत दुनिया के सबसे उन्नत और प्रगतिशील देशों में से एक है।
किसी देश में सबसे गतिशील कारक मानव संसाधन है। यदि भारत को अपने सभी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना है, तो मानव संसाधन अत्यधिक कुशल और रचनात्मक होना चाहिए। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात इष्टतम उपयोग और प्रबंधन के संसाधन हैं। ऑप्टीमल यूटिलाइज़ेशन ऑफ़ द बेस्ट ऑफ़ रिसोर्स ऑफ़ द ऑक्यूपेशनल आउटकम ऑफ़ समथिंग न्यू। भारत को इस मिश्रण की जरूरत है।
निर्विवाद रूप से, नए भारत के निर्माण में कई चुनौतियां हैं। जनसंख्या, पर्यावरण क्षरण, ग्रामीण लोगों की गरीबी, भ्रष्टाचार, पिछड़ापन, आदि जैसी चुनौतियां; लेकिन ये चुनौतियां अवसर भी हैं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ देकर इस बदलाव में योगदान कर सकते हैं। हम में से हर एक को अपना काम और ज़िम्मेदारी पूरी तरह से निभानी चाहिए। सभी चुनौतियों को आसानी से पूरे जनशक्ति और संसाधनों द्वारा दूर किया जा सकता है जो सही नेताओं के मार्गदर्शन में उपयोग और उपयोग किया जाता है। भारत चमत्कार कर सकता है। भारत चमत्कार जरूर करेगा। और जब ऐसा होता है तो केवल भारतीयों ने अवसरों, विकास और समृद्धि के साथ भूमि के कार्यों, कार्यों और कार्यों के लिए अपने दिलों को निर्धारित किया है।
उत्कृष्टता के हमारे क्षेत्रों के कार्य। अपने क्षेत्रों में परिपूर्ण होने के अलावा, हमें आदर्श नागरिक होना चाहिए। हमें अपने करों का ईमानदारी से भुगतान करना चाहिए; हमारे देश की समृद्धि और विकास। हमें अपने देश की प्रगति और विकास के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए, और उसके बाद ही कुछ होगा।