essay on our school principle in hindi
Answers
प्रस्तावना:
किसी जहाज का भाग्य उसके कप्तान पर निर्भर करता है । ठीक यही बात स्कूल के संबंध में भी लागू होती है । स्कूल की सफलता और विफलता उसके प्रिंसिपल पर निर्भर करती है ।
शिक्षा:
हमारे प्रिंसिपल का नाम श्री महादेव शर्मा है । वे एम.ए.बीटी हैं । वे बड़े अनुभवी प्रिंसिपल है ।
गुण:
एरक अच्छा प्रिंसिपल स्कूल के लिए वरदान होता है । हमारे प्रिंसिपल योग्य और मेहनती हैं । वे बड़े उदार और ईमानदार हैं । वे अपने काम में गहरी रुचि लेते हैं । वे विद्यार्थियों के मित्र, दार्शनिक तथा मार्गदर्शक हैं । विद्यार्थी उन्हें अपना गुरु मानते हैं । वे एक श्रेष्ठ प्रशासक ही नहीं, वरन् एक श्रेष्ठ अध्यापक भी हैं । वे हमें अंग्रेजी पढ़ाते हैं । अंग्रेजी की कविता से उन्हें विशेष लगाव है ।
पढ़ाने का ढंग:
वे अपने पढ़ाने के ढंग के लिए विख्यात हैं । वे इतने अच्छे ढंग से पढ़ाते हैं कि उनका पढ़ाया गया हमारी समझ में बड़ी आसानी से आ जाता है । उनकी अंग्रेजी कक्षायें नीरस और उबाऊ नहीं होतीं । यदि कभी कोई बात समझ मे नहीं आ पाती, तो वे हमें दुबारा समझाने में कोई आनाकानी नहीं करते ।
उत्तरदायित्व:
वे स्कूल का चक्कर लगाते हैं और इस बात का ध्यान रखते हैं कि सभी अध्यापक ध्यान से पढ़ा रहे हैं । यदि कोई अध्यापक छुट्टी पर हो, तो वे वाइस-प्रिसिपल से उनकी कक्षाओं की वैकल्पिक व्यवस्था कराते हैं । वे धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं ।
प्रात:
कालीन प्रार्थना के बाद वै सभी विद्यार्थियों के समक्ष कर्त्तव्य पर सक्षिप्त भाषण देते है । वे हमेशा हमे कडी मेहनत करने की सलाह देते है । वे हमें माता-पिता और अध्यापकों की आइघपालन करने को भी कहते हैं । वे चाहते है कि हम सब स्वतत्र भारत के श्रेष्ठ नागरिक बने ।
खेल-कूद में रुचि:
हमारे प्रिंसिपल खेल-कूद पर भी भरपूर ध्यान देते हैं । वे ध्यान रखते है कि हर एक विद्यार्थी किसी न किसी खेल मे अवश्य भाग ले । उन्होंने भारत की विभूतियों की नाम पर स्कूल को कई सदनों में विभाजित कर दिया है ।