Hindi, asked by anushka8485, 9 months ago

essay on प्रेम से सामाजिक तथा राष्ट्रीय सम्बन्ध बढ़ता है ​

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Answered by sachintomar5
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Explanation:

प्यार या प्रेम एक एहसास है। जो दिमाग से नहीं दिल से होता है प्यार अनेक भावनाओं जिनमें अलग अलग विचारो का समावेश होता है!,प्रेम स्नेह से लेकर खुशी की ओर धीरे धीरे अग्रसर करता है। ये एक मज़बूत आकर्षण और निजी जुड़ाव की भावना जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करती है। ये किसी की दया, भावना और स्नेह प्रस्तुत करने का तरीका भी माना जा सकता है। जिसके उदाहरण के लिए माता और पिता होते है खुद के प्रति, या किसी जानवर के प्रति, या किसी इन्सान के प्रति स्नेहपूर्वक कार्य करने या जताने को प्यार कहा जाता हैं। सच्चा प्यार वह होता है जो सभी हालातो में आप के साथ हो दुख में साथ दे आप का और आप की खुशियों को अपनी खुशियां माने कहते हैं कि अगर प्यार होता है तो हमारी ज़िन्दगी बदल जाती है पर जिन्दगी बदलती है या नही, यह इंसान के उपर निर्भर करता है प्यार इंसान को जरूर बदल देता है प्यार का मतलब सिर्फ यह नहीं कि हम हमेशा उसके साथ रहे, प्यार तो एक-दूसरे से दूर रहने पर भी खत्म नहीं होना चाहिए। जिसमे दूर कितने भी हो अहसास हमेशा पास का होना चाहिए। किसी से सच्चा प्यार करने वाले बहुत कम लोग हैं। लेकिन उदाहरण हैं लैला और मजनू। इनके प्यार की कोई सीमा नहीं है। यह प्यार में कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे प्यार को लोग जनम जनमो तक याद रखेंगे।

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"प्यार" शब्द ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनकर ही हमें अच्छा महसूस होने लगता है,प्यार शब्द में वो एहसास है जिसे हम कभी नहीं खोना चाहते।इस शब्द में ऐसी पॉजिटिव एनर्जी है जो हमें मानसिक और आंतरिक खुशी प्रदान करती है। कभी कभी कष्ट देय भी होती है

प्राचीन ग्रीकों ने चार तरह के प्यार को पहचाना है: रिश्तेदारी, दोस्ती, रोमानी इच्छा और दिव्य प्रेम। प्यार को अक्सर वासना के साथ तुलना की जाती है और पारस्परिक संबध के तौर पर रोमानी अधिस्वर के साथ तोला जाता है, प्यार दोस्ती यानी पक्की दोस्ती से भी तोला जाता हैं। आम तौर पर प्यार एक एहसास है जो एक इन्सान दूसरे इन्सान के प्रति महसूस करता है।

विकासवादी आधार।

विकासवादी मनोविज्ञान ने प्यार को जीवित रहने का एक प्रमुख साधन साबित करने के लिए अनेक कारण दिया हैं। इनके हिसाब से मनुष्य अपने जीवनकाल में अभिभावकिय सहायता पर अन्य स्तनपायियों से ज़्यादा निर्भर रहते हैं, प्यार को इस वजह से अभिभावकीय सहारे को प्रचार करने का तंत्र भी माना गया हैं। ये इसलिये भी हो सकता हैं, क्योंकि प्यार के कारण यौन संचारित रोग हो सकता है जिसकी वजह से मनुष्य के जननक्षमता पर असर पड़ सकता हैं, भ्रूण पर चोट आ सकती हैं, बच्चे पैदा करते वक़्त उलझनें भी हो सकती हैं इत्यादि। ये सब चीजें जानने के बाद समाज में बहुविवाह की पद्दति रुक सकती हैं।आज़ाद प्यार

आज़ाद प्यार एक सामाजिक आंदोलन का वर्णन करता है जो शादि जैसे पवित्र बंधन को नहीं मानता। आज़ाद आंदोलन का प्रमुख लक्ष्य ये ता की प्यार को योन विषयों, जैसे शादि करना, जन्म नियंत्रण और व्यभिचार से दूर रखे। यह आंदोलन का मानना है कि ये मुद्दे इस विषय से संबंधित लोगों के लिए चिंताजनक है।

डॉक्टर शुभम पाल के अनुसार "प्यार जीवन का आधार है। जवानी का मूल कारण प्यार है। यह एक एहसासों का बंधन है जो दो प्रेमियों के बीच दांपत्य जीवन को प्रगाड करने में सहायक सिद्ध होता है।"

प्यार को अलग-अलग तरह से परिभाषित किया जा सकता है परन्तु समझने वालों के लिए प्यार के मायने अलग-अलग होते हैं। कोई हवस को प्यार समझता है तो कोई त्याग को प्यार समझता है किसी की नजर में प्यार जिम्मेदारी है तो किसी की नजर में प्यार चिंता प्यार है कहने का मतलब है आज लोग स्वार्थ के नजरिए से ही प्यार को परिभाषित करते हैं किसी लिए कुछ किया तो वो प्यार है नही किया तो प्यार नही है। मेरी नजर में प्यार बलिदान का नाम है जो किसी भी क्षेत्र में या किसी भी व्यक्ति के लिए हो सकता है,मेरी नजरें किसी को नुकसान ना पहुंचाना भी प्यार है,किसी अपराधी का साथ ना देकर उस व्यक्ति के लिए हमारा प्यार ही जिसे हमने किसी अपराधी से बचा लिया। कुल मिलाकर सकारात्मक नजरिए से जीना और किसी को नुकसान ना पहुंचाना प्यार है।

धन्यवाद अनुष्का जी।।।।।।।♥️♥️♥️

Answered by rashikagkp678
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