essay on padosi ka mahatva
Answers
आवश्यकता पड़ने पर पड़ोसियों को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए । मेरे घर के सामने शर्मा जी का परिवार रहता है । शर्मा जी किसी प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं । शर्मा जी का पूरा परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का है । शर्मा जी एवं उनकी पत्नी रोज मंदिर जाते हैं । प्रत्येक मंगलवार को उनके यहाँ भजन-कीर्तन होता है ।
शर्मा जी का लड़का मेरे साथ पड़ता है । हम दोनों अच्छे मित्र हैं । मैं शर्मा जी के पास ट्यूशन पढ़ने जाता हूँ । शर्मा जी मुझे बहुत प्यार से पढ़ाते हैं । उनका हँसमुख स्वभाव पूरे महल्ले में प्रसिद्ध है । वे सभी के साथ बड़ी मीठी बोली में बातें करते हैं । मेरे तथा उनके परिवार के बीच खान-पान और मित्रता का नाता है ।
मेरे घर के ठीक पीछे मुहम्मद सलीम जी का परिवार रहता है । हमारे छत सटे हुए हैं अत: प्रतिदिन ही सलीम जी के परिवार के सदस्यों से हमारी बातचीत होती है । सलीम जी एक दरजी हैं तथा शहर के मुख्य बाजार में उनकी दुकान है । हमारे घर के सभी कपड़े सलीम जी की दुकान में ही सिलते हैं ।
ADVERTISEMENTS:
सलीम जी बड़े ही सच्चे व नेकदिल इसान हैं । वे नियम से नमाज पड़ते हैं । हम लोग जब भी उनकी दुकान पर जाते हैं वे बड़े प्रेम से बातें करते हैं तथा कुछ न कुछ खाने के लिए भी देते हैं । ईद के अवसर पर सभी पड़ोसियों की उनके घर विशेष दावत होती है । सलीम जी पड़ोसियों की सहायता के लिए हर समय तैयार रहते हैं । सलीम जी का बड़ा लड़का हाँकी का बहुत अच्छा खिलाड़ी है । उसके साथ महल्ले के बच्चे हॉकी खेलना सीखते हैं ।
मेरे घर की बाईं ओर मोहनदास जी का परिवार रहता है । मोहनदास जी एक हट्टे-कट्टे व्यक्ति हैं । उनकी आवाज बड़ी रोबीली है तथा मूँछें कड़ी-कड़ी हैं । ये पुलिस विभाग में हवलदार हैं । इनके कारण चोर-उचक्के हमारे महल्ले में घुसने की हिम्मत नहीं करते हैं ।
पड़ोसी का महत्व |
Explanation:
सभी के जीवन में पड़ोसियों का बहुत अधिक महत्व होता है। पड़ोसी ही एकमात्र हमारा पहला रिश्तेदार होता है। पड़ोसी से अभिप्राय उन लोगों से है जो हमारे घर के आसपास में रहते हैं।
एक अच्छा पड़ोसी वह होता है जो परिवार से बढ़कर हमारा सहयोग करता है। पड़ोसी हमारे सुख -दुख में हमारे साथ होते हैं। परिवार वाले फिर भी साथ नहीं देते परंतु पड़ोसी हमारा साथ नहीं छोड़ते। पड़ोसी एक- दूसरे से मिल- जुल कर रहते हैं। सब त्योहार मिलकर मनाते करते हैं।
अक्सर औरतें अपने पति के नौकरी पर जाने के बाद अकेली रह जाती है। तो वह अपना अकेलापन दूर करने के लिए पड़ोस की औरतों के पास जाकर बैठ जाती है। पड़ोसी होने से हम एक दूसरे के घरों में भी जाकर बैठ सकते हैं गली में भी चहल-पहल रहती है। पड़ोसी कोई भी छोटा बड़ा काम एक दूसरे के साथ मिलकर करते हैं।
पडोसी होने से हमें कभी किसी प्रकार का खतरा नहीं रहता वे हमारे दुःख सुख में सबसे पहले हमारे लिए खड़े होते हैं। पड़ोसी हमारी गैर मौजूदगी में हमारे घर की देखभाल भी करते हैं। वे हमारे बच्चों का भी ध्यान रखते है और हमारे साथ विनर्मता से रहते हैं।
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