essay on panipat history in hindi
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पानीपत की पहली लड़ाई -Panipat War 1 21 अप्रैल, 1526 ई. को दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी और मुग़ल आक्रमणकारी बाबर के बीच हुई. इब्राहीम के पास एक लाख संख्या तक की फ़ौज थी. ... पानीपत की पहली लड़ाई के फलस्वरूप दिल्ली और आगरा पर बाबर का दखल हो गया और उससे भारत में मुग़ल राजवंश का प्रचालन हुआ.
Explanation:
1 नवंबर 1989 को पानीपत जिले की स्थापना पूर्ववर्ती करनाल जिले से हुई थी। 24 जुलाई 1991 को इसे फिर से करनाल जिले में मिला दिया गया। 1 जनवरी 1992 को, यह फिर से एक अलग जिला बन गया। किंवदंती के अनुसार, पानीपत महाभारत के समय में पांडव भाइयों द्वारा स्थापित पांच शहरों (प्रस्थ) में से एक था; इसका ऐतिहासिक नाम पांडवप्रस्थ (संस्कृत: पाण्डवप्रस्थान, पांडवों का शहर) था। पानीपत भारतीय इतिहास में तीन निर्णायक लड़ाई का दृश्य था। पानीपत को महाभारत में उन पांच गांवों में से एक के रूप में दर्ज किया गया है, जो पांडवों ने दुर्योधन से मांगे थे। पाँच गाँव "पंच पट" हैं:
पानप्रस्थ (अब पानीपत के नाम से जाना जाता है)
स्वर्णप्रस्थ (अब सोनीपत के नाम से जाना जाता है)
इंद्रप्रस्थ (अब दिल्ली के रूप में जाना जाता है)
व्याघप्रस्थ (अब बागपत के नाम से जाना जाता है)
तिलप्रस्थ (जिसे अब तिलपत के नाम से जाना जाता है)
पानीपत का पहला युद्ध 21 अप्रैल 1526 को इब्राहिम लोधी, दिल्ली के अफगान सुल्तान और तुर्क-मंगोल सरदार बाबर के बीच लड़ा गया था, जिसने बाद में मुगल आर की स्थापना की ...