Hindi, asked by ritesh143amita, 3 months ago

essay on pariksha ke baad ki yojana in hindi

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Answered by nayimabdul069
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आजकल बहुत से पढ़े-लिखे युवक नौकरियों की खोज में इधर-उधर मारे फिर रहे हैं, क्योंकि सरकारी नौकरियों में कठिन परिश्रम नहीं करना पड़ता और कुरसी मिलती है बैठने को। वहीं नौकरियां भी बहुत कम हैं। अब वह समय आ गया है कि शिक्षित लोग अपना ध्यान उस कृषि-कर्म की ओर दें, जिसे वे तुच्छ काम समझते हैं। आजकल के पढ़े-लिखे युवक परिश्रम के मूल्य को नहीं जानते हैं।

प्रत्येक वह लडक़ा, जो हाई स्कूल उत्तीर्ण कर लेता है, बड़ी महत्वाकांक्षांए पालने लगता है। कभी सोचता है-मैं थानेदार बनूंगा, तहसीलदार बनूंगा। कभी वह सोचता है-मैं अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में अध्यापक बनूंगा। कदाचित ऐसे सोचनेवालों में से एक-दो की ही इच्छा पूर्ण होती हो, शेष विद्यार्थियों को अपने मनोरथ में असपुल रहने के कारण बड़ा कष्ट होता है। परिणाम यह होता है कि बाद में वे लोग कृषि आदि कार्य करने में अपना अपमान समझते हैं और इस तरह नौकरी की खोज में इधर-उधर भटकते रहते हैं। इस कारण मैंने निश्चय किया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मैं नौकरी के चक् कर में न पडक़र वैज्ञानिक पद्धति से कृषि करूंगा। इसके पहले कि मैं कृषि-कार्य प्रारंभ करूं, मैं कुछ काल के लिए कृषि कॉलेज में प्रशिक्षण लूंगा तथा वहां पर मैं कृषि संबंधी सारी नवीन बातों एंव जानकारियों से परिचित होऊंगा और सीखूंगा।

pls mark me as brainliest

Answered by srinidhi01
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Answer:

mention the steps which have been taken for women emancipation?

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