Hindi, asked by sharmanaaz77, 1 year ago

essay on paryavaran aur swasth ek doosre kai poorak hai in hindi .

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Answered by navu123
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पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और 'आवरण' जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की कुल इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।

 

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।

 

पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे: पर्वत, चट्टानें, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि।

 

सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो कि अन्योन्याश्रि‍त है।

 

मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहला है प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता के अनुसार है। 

 

पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है।  आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधी पाठकों को जागरूक करने की।

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Answered by arun725365
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पृथ्वी सदियों से मानव जाति को आश्रय प्रदान करती आ रही है। मानव जीवन के आस्तित्व के लिए धरती ने हवा, पानी, खाद्य सामाग्री आदि अनेकों उपहार दिए हैं। पेड़ पौधों ने धरती को हरा भरा बना कर प्राणी जगत को जीवंत किया है।

22 अप्रैल वर्ल्ड अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य पृथ्वी के वातावरण के बारे में जानकारी फैलाना है, क्योंकि आज के बढ़ते औद्यौगिकीकरण के इस दौर में मानव द्वारा धरती को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा रहा है और साथ ही पृथ्वी के आस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया है।

इस कार्यक्रम में भारतीय वन सेवा 1988 बैच के अधिकारी और दिल्ली पार्क और गार्डन सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ एस डी सिंह का साक्षात्कार भी प्रस्तुत है। उनका कहना है कि मानव और पर्यावरण एक दूसरे के पूरक है, और काफी हद तक दोनों एक दूसरे पर निर्भर है। पर्यावरण को हरा भरा और साफ़ रखने की जरुरत है, ताकि मानव का रहन सहन और पर्यावरण की अपनी निरंतरता बनी रहे।

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