Hindi, asked by shivabhat65, 1 year ago

essay on paryavaran between 150 to 200 words

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Answered by kvnmurty
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हमारा पर्वावरण :

हर व्यक्ति अपने परिवार में और पर्वावरण में निवास करता है  ।  वह अपने पर्वावरण का एक हिस्सा होता है ।  परवावरण में होने वाली विभिन्ना प्रकार की गति विभांधियों (यानी बदलाव) से वह बहुत प्रभावित होता है ।  इसलिये जरूरी है कि हमारा पर्वावरण साफ और सुधारा रहे।  परवावरण में किसी प्रकार के असंतुलन (मिस-मॅनेज्मेंट, इमबॅलेन्स) ना पैदा हो जाए ।  

लेकिन कयी कारणों से हमारे पर्यावरण में असंतुलन आ पहुंचा ।  जल, वायु, मिट्टी, वन जैसे प्रकृतिक तत्व प्रदूषित (पोल्यूटेड) हो रहे हें ।  इस का परिणाम हें जलवायु में परिवर्तन, जैव विभान्धता के लिये संकट, बाढ़ , सूखा (फमीन) , स्वास्थ्य संभंदी अनेक समस्याएं ।  

अतः हमें अपनी गाति विभांधियों को नियंत्रित करना होगा, जो परवावरण को बुरी तरह से बिगाड़ रहे हें ।  हमें  अपने चारों ओर की आबोहवा को शुद्ध रखना होगा। हमें जल और वायु की शुद्धता बनाये रखने के प्रयास करने होंगे। वनों को नष्ट होने से रोकना होगा और बचाना होगा।
वन्य जीवन के संरक्षण के प्रयास करने होंगे।

अपने पर्वावरण को सही दशा में बनाये रखना हमारा अपना और प्रति एक नागरिक का परम कर्तव्य है। 
नहीं तो हम आराम से हवा नहीं खा पायेंगे ना पानी पी पायेंगे।  सारे ओंर विनाश ही नजर आयेगा। बदलो और बदलाव लाओ। 


kvnmurty: i hope its good for u.
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