Essay on politics and corruption in hindi
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जरूरत आज भी है उन युवाओं को आगे आने की जोसोचते हैं कि आजादी के समय अगर हम होते तो हम भी उस स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेते अन्तर केवल इतना है कि आज हमें लड़ना होगा बिना हथियार के, आज हमें लड़नाहोगा ।अपने अधिकारों के लिए आज हमें जगाना होगा इस सोये हुए समाज को, इस मृत्युप्राय हो चुके जिन्दगी के ढांचे को । जो जानता तो सब कुछ है लेकिन डर और दहशत इस कदरउनके दिलों में बैठ चुकी है कि कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती ।हमें वो हिम्मत वापिस लानी है हमें दूर करना होगा उनके डर को हमें उनके अन्दर के सोये हुए इंसान को जगाना होगा उनके अन्दर जोश पैदा करना होगा । नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी जब जर्मन रेडियों से भारतियों को सम्बोधित करते थे तो उनकी शुरूआत बहादुरशाह जफर के इन शब्दों से होती थी-”गाजियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की ।तख्ते लंदन तक चलेगी तेग हिन्दुस्तान की” ।।हमें प्रेरणा लेनी होगी ऐसे महापुरूषों से जिन्होने इस देश पर अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया और लिया ना कुछ भी । अगर आज वो होते तो इस देश के सिस्टम पर जरूर रोते जहां राजनीति व्यवसाय बन चुका है अपराधी राजनेता जिनकों होना चाहिए था जेलों में वो राजनीति के चोले में अपराध की दुनिया के बेताज बादशाह बन गये हैं ।चारों तरफ माफिया राज हो गया है कहीं भू माफिया, कहीं शिक्षा माफिया, कहीं शराब माफिया, कहीं खनन माफिया पैदा हो गये हैं । ऐसा क्यों हो रहा है सोचो ! सोचो ! सोचो ! दोषी कौन ? हम और आप ।
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