essay on PRADHUSHAN in HINDI ..... pls pls pls !!!!
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प्रदूषण
प्रदूषण पृथ्वी पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों में कुछ हानिकारक या जहरीले पदार्थ का मिश्रण है। यह इस ग्रह पर रहने वाले जीवों की साधारण जीवन को प्रभावित करता है और प्राकृतिक जीवन चक्र को छति पहुँचाता है। वायु प्रदुषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है जिसका मुख्य कारण है बढ़ रही ऑटोमोबाइल की संख्या, ज़हरीली गैसों का रिलीज़, औद्योगिक कंपनियों का धुआं, फाइनली डिसॉल्वड सॉलिड्स और तरल एयरोसौल्ज़ इत्यादि का वातावरण में होना। जिस हवा में हरपल हम साँस लेते है वो हमारे फेफड़ों संबंधी विकार का कारण बनती है।
इस प्रकार भू प्रदुषण और जल प्रदुषण भी विभिन्न कारणों से होता है जैसे की पीने के पानी में सीवेज के पानी (जीवाणु, वायरस व हानिकारक रसायन ग्रसित) का मिश्रण, कुछ खतरनाक एग्रोकेमिकल्स जैसे की कीटनाशक, शाकनाशी, कवकनाशी, ईथर बेंजीन जैसे कार्बनिक मिश्रण, रेडियम और थोरियम सहित कुछ रेडियोधर्मी पदार्थ, ठोस वेस्ट (औद्योगिक राख, कचरा, मलबा) इत्यादि| हमें इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए सरकार द्वारा लागू सभी नियंत्रण के उपायों का पालन करना चाहिए|
प्रदूषक या प्रदुषण के तत्त्व मनुष्यों द्वाया उत्पन्न किया गया वाह्य पदार्थ या वेस्ट मटेरियल होता है जो की प्राकृतिक संसाधन जैसे की वायु, जल और भूमि आदि को प्रदूषित करते है| प्रदूषक का रासायनिक प्रकृति, सांद्रता और लम्बी आयु इकोसिस्टम को लगातार कई वर्षो से असंतुलित कर रहा है। प्रदूषक जहरीली गैस, कीटनाशक, शाकनाशी, कवकनाशी, ध्वनि, कार्बनिक मिश्रण, रेडियोधर्मी पदार्थ हो सकते है|