Hindi, asked by yuvraj33, 1 year ago

essay on Pradushan ki samasya in hindi

Answers

Answered by Soniya1111
30
मनुष्य के उत्तम स्वास्थ्य के लिए वातावरण का शुद्ध होना परम आवश्यक होता है। जब से व्यक्ति ने प्रकृति पर विजय पाने का अभियान शुरु किया है, तभी से मानव प्रकृति के प्राकृतिक सुखों से हाथ धो रहा है। मानव ने प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ दिया है, जिससे अस्वास्थ्यकारी परिस्थितियाँ जन्म ले रही हैं। पर्यावरण में निहित एक या अधिक तत्वों की मात्रा अपने निश्चित अनुपात से बढ़ने लगती हैं, तो परिवर्तन होना आरंभ हो जाता है। पर्यावरण में होने वाले इस घातक परिवर्तन को ही प्रदूषण की संज्ञा दी जाती है।

प्रदूषण के विभिन्न रुप हो सकते हैं, इनमें वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण मुख्य हैं।

(Pradushan ke Karan, Pradushan ke Prabhav, Pradushan ke Samadhan)
Similar questions