Hindi, asked by disha8th, 1 year ago

essay on pratah kal Ki Sair in Hindi meri board ki class please board ki class ke hisab se batana ​

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essay on pratah kal Ki Sair in Hindi meri board ki class please board ki class ke hisab se batana

Answered by anshikapandey184
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Explanation :

" सुबह की सैर पूरे दिन के लिए वरदान होती है। "

प्रातःकाल के इस सुंदर समय में सूर्य की सुनहरी किरणें चारों ओर सुनहरा रंग बिखेरती हैं। इस समय धीरे-धीरे चलने वाली सुगंधित और सुद्ध हवा बहने लगती है। फूलों पर भौरें गुंजार करने लगते हैं। हवा मानों फूलों की पंखुड़ियों को खोलने लगती है, कोयल की कूक भी कानों को आनंद से भर देती है, हरी-हरी दूब, घास पर बिखरे हुए ओस के कण सूर्य के प्रकाश में इस प्रकार चमकने लगते हैं, मानों मोती चमक रहे हों।

प्रातःकाल शीघ्र उठने से-शरीर में स्फूर्ति रहती है। इससे मन भी प्रसन्न रहता है और संध्या तक सारे दिन का समय भी प्रसन्नता से व्यतीत होता है। प्रातःकाल भ्रमण करने से शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है। इससे चेहरे पर तेज आता है। जल्दी-जल्दी चलने से अंग-प्रत्यंग गति करते हैं। ठंडी-ठंडी हवा के सेवन से मुख-मंडल चमकने लगता है। प्रातःकाल के भ्रमण से पाचन शक्ति बढ़ती है, हृदय तथा फेफड़ों की गति सामान्य ढंग से कार्य करती है और उन्हें बल मिलता है। शुद्ध हवा जब नाक के मार्ग से शरीर में प्रवेश करती है तो रक्त भी शुद्ध होता है। प्रातःकाल भ्रमण से मनुष्य का मानसिक विकास भी होता है। उसकी गुद्धी विकसित होती है और उसमें अच्छे भावों की वृद्धी होती है। जब नंगे पाँव सुबह के समय हरी घास पर घूमते हैं तो मनुष्य के मस्तिष्क में ताज़गी आती है और अनेक रोग भी दूर हो जाते हैं। इससे बुद्धी बढ़ती है।

प्रातःकाल के भ्रमण के लिए मनुष्य को कुछ खर्च नहीं करना पड़ता है। अतः सभी के लिए यह सुलभ एवं लाभदायक है। वृद्धावस्था में व्यायाम करना संभव नहीं होता है, अतः प्रातःकाल का भ्रमण विशेष उपयोगी माना जाता है। इसी प्रकार जो लोग दिन-भर केवल बैठकर कार्य करते हैं, उनके लिए तो प्रातः काल का भ्रमण अत्यंत ही आवश्यक है। कार्यालयों में काम करने वाले लोग, डॉक्टर, दरजी, अध्यापक आदि के लिए प्रातःकाल का भ्रमण उपयोगी होता है।

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