Hindi, asked by chittranshi, 1 year ago

essay on pushtako ki upyogita in hindi

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Answered by iamakul2004
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किताब हमारे जीवन में हमारे सच्चे दोस्त हैं।  वे हमें अखंड ज्ञान देते हैं।  हम पाठशाला जाते हैं और  नए नए विषयों की जानकारी पाते हैं।  कुछ बातें समझ में आती हैं और कुछ तो हमें ठीक ठीक नहीं समझ पाते।  फिर सारे विषय को अच्छी तरह से समझ कर उनमें प्रवीणता पाने के लिए किताबों की जरूरत पड़ती है।  पाठ सिखाने वाले तो अपनी तेजी और ढंग से सिखाते हैं।  लेकिन पुस्तकों को हम अपने ढंग से और दो या तीन बार पढ़ सकते हैं, ताकि हम बातें पूरी तरह से समझें ।

    जो लोग हमें सिखाते हैं और हमें सलाह देते हैं, वे हमारे साथ हमेशा नहीं रहते।  लेकिन किताबें हमेशा हमारे साथ होते हैं।  जब भी हमें कुछ संदेह हो या हमें कुछ जानना हो तो फिर अपनी किताबें  पढ़ सकते हैं। 

   आजकल तो हर दिन नई तकनीक और विषयों में अनुसंधान दुनिया को आगे बढ़ा रहे हैं  । फिर तो इन्हें जानकर  अपने आप को आगे दुनिया के साथ बढ़ाने के लिए, हम को उचित पुस्तकों की जरूरत पड़ती है।
 
   किताबें कुछ महंगी भी होती हैं, लेकिन वे उस मूल्य के लायक होती हैं।  पुस्तक हमें वो देते हैं जो पैसे नहीं दे सकते।  दुनिया में लोग दो लोगों को गौरव देते  हैं,  अमीर लोग और ज्ञानी । और ज्ञान पाने के लिए हमें गुरु और पुस्तक दोनों की जरूरत पड़ती है।

   जब हम सफर करते हैं, या हमें अवकाश के समय में किताबें पढ़ सकते हैं।  किताबों के पढ़ने से हम अपनी उम्र से ज्यादा परिपक्वता पाते हैं ।  जब हम अच्छे अच्छे कामकी और फाईदेमंद किताब पढ़ते हैं हमारे समय का सही उपयोग होता है।

     अपने किताबों को भी हमें   अच्छी तरह संघटित करना चाहिए।  उन्हें साफ और सुरक्शित रखें।  उनमें गंदी लिखायी नहीं करनी चाहिए ।  किताबें  हमारे बाद दूसरों के भी काम आ सकते हैं।   बहुत से वृद्ध अपने समय मत संबंध या पुराण संबंध किताबों को पढ़ने में बिताते हैं।  और मनः शांति पाते हैं।  

     महान लोगों से लिखी गई किताबें हमारे अंदर महान सोच अंदाज पैदा करते हैं।  हमें विश्लेषण करने की शक्ती देती हैं।  हम किताबों से दिया हुआ ज्ञान और अपनी दिमाग की शक्ती से  बहुत कुछ  प्राप्त कर सकते हैं।  कुछ लोग  किताबें ज्यादा पढ़ने वालों की मजा उड़ाते हैं। लेकिन हमें जो ज्ञान सीखें , उसे अपने जीवन में प्रयोग में लाना चाहिए ।  जब भी हमें अच्चे विचार और कल्पनाएं सूझती हैं, उन्हें हमें अपनी निजी किताब में लिख लेना चाहिए।

    हमको जिस तरह की किताब पढ़नेकी इच्छा हो वही किताब पढ़ सकते हैं।  आजकल तो किताबें कोम्प्यूटर पर और मोबैल सेल पर भी उपलब्ध हैं।  जैसे हम चाहें और समय के अनुसार हमें जो मिलें, हम वैसे पढ़ सकते हैं।    हमारे पूर्वजों ने जो ज्ञान सीखा, और आविष्कार किया उन सब को किताबों के रूप में निक्षिप्त किया ।  तो फिर दुनिया में आगे बढ्ने के लिए तो हमारे जीवन लक्ष्य की ओर ले जाने वाली किताबें पढ़ना पड़ेगा ।  और उस ज्ञान को बाहरी दुनिया में सही प्रयोग करना पड़ेगा।
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