essay on *रक्षाबंधन* in hindi
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श्रावणी पूर्णिमा में, रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को रक्षा बंधन कहते हैं। पहले के समय रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है।
रक्षा बंधन का इतिहास
एक बार की बात है, देवताओं और असुरों में युद्ध आरंभ हुआ। युद्ध में हार के परिणाम स्वरूप, देवताओं ने अपना राज-पाठ सब युद्ध में गवा दिया। अपना राज-पाठ पुनः प्राप्त करने की इच्छा से देवराज इंद्र देवगुरु बृहस्पति से मदद की गुहार करने लगे। तत्पश्चात देव गुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के पूर्णिमा के प्रातः काल में निम्न मंत्र से रक्षा विधान संपन्न किया।
“येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।”
Answer:
यह तो यह त्योहार हिंदू धर्म का त्योहार माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधी है और उसका भाई उसकी रक्षा करने का वादा करता है। यह पिक्चर बहुत ही खुशी का उत्सव होता है।इस दिन सारी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधी है उन्हें तोहफे देते उन्हें मिठाइयां खिलाती है बहुत सी चीजें होती हैं।यहां तक कि बड़े लोग भी अपने भाई को राखी बांधी है बड़े लोग भी एक दूसरे में रक्षाबंधन बनाते हैं।
Happy rakshabandhan