Essay on rashtriye hindi bhasha with sanket bindu in hindi
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सबसे पहली बात मैं इस विषय पर आपको कुछ भी बताओ उससे पहले मैं आपको यह बात बता देना चाहता हूं कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है यह राजभाषा हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ अगर सही बात बोले तो भारत की कोई राष्ट्रभाषा है ही नहीं हिंदी राजभाषा है
हिंदी को राजभाषा का सम्मान 14 सितंबर को मिला था या एक ऐसी भाषा है जो समस्त लोगों को साथ में रखती है एवं कभी भी लोगों में मतभेद पैदा नहीं करते हैं हिंदी बहुत ही सुंदर भाषा यह हिंदी उर्दू फारसी का मिश्रण है एवं संस्कृत का वेश में बहुत सा प्रभाव हमें देखने को मिलता है
इसके अलावा बंगला तेलुगु गुजराती पंजाबी सिंधी आदि बहुत सारी भाषा का मिश्रण है हिंदी शायद यही कारण है कि यह समस्त लोगों द्वारा अपनाई जाती है और आसान से बोली भी जाते हिंदी आसान लोगों की भाषा है सामान्य लोगों की भाषा है जो सबके जुबान से निकलते ही आसान ईश्वर या लोगों को जल्दी से समझ कर भी आती है
Answer भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर हम भारत को राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तो हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा होसकती है | किसी भी राष्ट्र की सर्वाधिक प्रचलित एवं स्वेच्छा से आत्मसात की कई भाषा को राष्ट्रभाषा कहा जाता है| हिंदी, बंगला, उर्दू, पंजाबी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, इत्यादि भारत के संविधान द्वारा राष्ट्र की मान्यभाषाएँ है| इन सभी भाषाओं में हिंदी का स्थान सर्वोपरि है, क्योंकि यह भारत की राजभाषा भी है| राजभाषा वह भाषाहोती है, जिसका प्रयोग किसी देश में राज-काज को चलाने के लिए किया जाता है| हिंदी को 14 सितंबर, 1949 कोराजभाषा का दर्जा दिया गया है| इसके बावजूद सरकारी काम-काज में अब तक अंग्रेजी का व्यापक प्रयोग कियाजाता है| हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा तो है, किन्तु इसे यह सम्मान सिर्फ़ सैद्धांतिक रुप में प्राप्त है,वास्तविक रूप में राजभाषा का सम्मान प्राप्त करने के लिए इसे अंग्रेजी से संघर्ष करना प राजभाषा ड़ रहा है|
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