Hindi, asked by harsh468, 1 year ago

essay on Republic Day in Hindi with pictures

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Answered by duragpalsingh
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गणतन्त्र दिवस

गणतन्त्र दिवस Republic day भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है । भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किए जाने के उपलक्ष्य मे प्रति वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप मे मनाया जाता है। 26 जनवरी 1930 के कांग्रेश अधिवेशन मे नेहरू जी की अध्यक्षता मे पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्ति का प्रस्ताव पास किया गया था , इसी एतिहासिक महत्व की तिथि को ध्यान मे रखते हुये , 26 जनवरी को ही गणतन्त्र दिवस के रूप मे चुना गया। इस दिन भारत को सम्पूर्ण प्रभुता सम्पन्न गणराज्य घोषित किया गया। 


26 जनवरी को हम सभी भारतीय नागरिक एक महान राष्ट्रीय पर्व के रूप मे मनाते हैं।  भारत की राजधानी नई दिल्ली मे गणतन्त्र दिवस पर एक विशेष कार्यक्र्म भारत सरकार की ओर से आयोजित किया जाता है । दिल्ली के विजय चोक से लाल किले तक जाने वाली परेड इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होती है । हजारो की तादाद मे लोग आईए कार्यक्र्म को देखने आते है । दूरदर्शन पर भी इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जाता है । तीनों सेनाओ के सैनिक राष्ट्रपति को शानदार सलामी देते है । कई प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्रम , झांकिया , नृत्य , हवाई करतव प्रस्तुत किए जाते हैं। 


26 जनवरी  republic day के दिन हर जगह विभिन्न स्थलो पर कई प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्र्म आयोजित किए जाते है। देशभक्ति के सुरमय गीत बजाए जाते है।  गणतन्त्र दिवस का त्योहार देश के सभी नागरिक देशभक्ति के साथ आनंदपूर्वक मनाते हैं। 
सभी विद्यालयो मे भी बच्चे विभिन्न प्रकार के संस्कृतिक कार्यकम जैसे गीत , नृत्य , परेड ,आदि मे हिस्सा लेते हैं। विशेष रूप से झंडावंधन कर देशभक्ति की भावना से यह दिवस मनाया जाता है । 

इस प्रकार गणतन्त्र दिवस 26 जनवरी सभी भारतीयो के लिए एक विशेष राष्ट्रीय पर्व है जिसे सभी बड़े आनंद और देशप्रेम की भावना  के साथ प्रति वर्ष मनाते है। 
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Answered by Anonymous
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मेरे सभी दोस्तों, सम्मानित शिक्षकों, निर्देशक और प्रिंसिपल को बहुत-बहुत सुप्रभात। मैं भारत के 72 वें गणतंत्र दिवस पर आप सभी को बधाई देता हूं। इस दिन, हम 1950 में ब्रिटिशों के प्रभुत्व से एक गणतंत्र देश बन जाते हैं। अंग्रेजों ने लगभग 150 वर्षों तक देश पर शासन किया, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा बहुत संघर्ष और प्रयास के बाद, भारत को आखिरकार 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। स्वतंत्र होने के बाद, अभी भी कुछ चीजें और नियम हैं जिन्हें बदलने की आवश्यकता है जो कि ब्रिटिश द्वारा लागू किए गए थे, संक्षेप में भारत को खुद का संविधान चाहिए।

भारत का संविधान डॉ। बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा लिखा गया है और इस संविधान को हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मंजूरी दी थी। 26 जनवरी 1950 से, भारत ने संविधान का पालन करना शुरू किया और यह नियम है। हमारे संविधान में लगभग 380 लेख हैं, प्रत्येक लेख विभिन्न चीजों को परिभाषित करता है।

हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना चाहिए जिन्होंने वास्तव में संघर्ष किया और भारत को स्वतंत्र करने के लिए काम किया। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, डॉ। बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए ब्रिगेडर्स के खिलाफ काफी संघर्ष किया है।

विशेष रूप से, हमें डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को धन्यवाद देना चाहिए जो भारत के संविधान के निर्माता हैं। आज, भारत दुनिया में सबसे अधिक विकसित देशों में से एक है। पिछले 50 वर्षों से, भारत पूरी दुनिया में सबसे तेजी से प्रगतिशील देश है। हमारे नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने गणतंत्र राष्ट्र पाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। यदि यह नेता इस देश का हिस्सा नहीं होते, तो शायद, आज हम ब्रिटिश शासन के अधीन रहते।

आज हमें अपने देश को गरीब मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, संकीर्ण विचारधारा आदि के लिए अपनी मातृभूमि की प्रतिज्ञा करनी चाहिए। आइए हम भारत को एक स्वच्छ देश बनाते हुए अपने भ्रष्टाचार और गरीब लोगों को मुक्त करें। लगभग अरब लोग भारत में एकता के साथ और समान विचारों के साथ रहते हैं। यह भारत को एक महान देश बनाता है। आज, भारत पूरे विश्व में सबसे अधिक देखा जाने वाला देश है, जो सीधे इस बात पर प्रकाश डालता है कि, भारत एक विकासशील देश है।

भारत आज शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास, स्टॉक मार्केट, ऑटोमोबाइल, औद्योगीकरण आदि के क्षेत्र में भी सर्वश्रेष्ठ है। यह विकास और प्रगति सिर्फ इसलिए है क्योंकि "आज का भारत एक गणतंत्र देश है ''। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने दिया। भारत को आजादी दिलाने और स्वतंत्र करने के लिए एक महान योगदान।

आइए आज हम भारतीय नागरिकों के विकास, जरूरतों और हमारे देश के विकास के लिए जिम्मेदार होने का संकल्प लें।

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