Hindi, asked by abhimanyu8390, 1 year ago

Essay on सामाजिक भान

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Answered by yashkadolkar07
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Answer:

जिस प्रकार प्रेम-प्यार की कोई सीमा नहीं होती, उसी प्रकार सामाजिक दायित्व की भी कोई सीमा नहीं होती. आज सुबह-सुबह एक समाचार ने हमारे सामाजिक दायित्व और मानवता की फरियाद पर हमारा ध्यान आकर्षित किया. सेना का एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कश्मीरी युवकों ने जवानों की मदद की. ये वो ही जवान हैं, जो दिन-रात अपने चैन-सुकून को भूलकर, अपनी जान पर खेलकर हमारी सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं. उन पर आपदा आई और कश्मीरी युवकों ने तुरंत अपने सामाजिक दायित्व को निभाया. इन कश्मीरी युवकों के इस सामाजिक दायित्व की भावना को कोटिशः नमन करते हुए हम आगे बढ़ते हैं.

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