Essay on sainik Ka shiksha Ka mehetva
Answers
Answered by
10
आज अणु-परमाणु युग में कोई भी राष्ट्र सैनिक शिक्षा की उपेक्षा करके नहीं जी सकता । युद्ध अप्रत्यक्ष रूप में शांति की स्थापना करनेवाले हैं । युद्धों के इस संघर्षपूर्ण युग में सैनिक शिक्षा का महत्त्व कितना बढ़ जाता है, यह विदित ही है ।
आज का युग प्रभु यीशु, गौतम, गांधी का नहीं है । २० अक्तूबर, १९६२ को चीन ने भारत पर अकारण आक्रमण कर दिया । चीन ने जो भाग हथिया लिया है, उसे वह अपन परंपरागत क्षेत्र कहने लगा है । उसके तीखे नखों से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन दिनों सैनिक शिक्षा अनिवार्य बना दी गई थी ।
आंतरिक और बाह्य रक्षा के लिए इसका बहुत महत्त्व है । इसे आज भी अनिवार्य शिक्षा बना देना चाहिए । हम अपनी मैनिक शक्ति का दुरुपयोग निर्बल राष्ट्रों की स्वतंत्रता-अपहरण में नहीं करना चाहते और न लुट-खमोट करके अपना घर भरना चाहते हैं ।
Similar questions