essay on sakratmak soch ke pryog
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Hey Archit !!
•••• Here is your answer!!
सकारात्मक सोच – जो बदल दे आपकी दुनिया और जीने का अंदाज़ भी। जो दे आपको जीने के लिए आशा की किरण और दिलाए सफलता प्राप्त करने का अचूक विश्वास।
सकारात्मक सोच, चंद शब्द नहींं है, जिसे थोड़े से शब्दों में समझाया जा सके कि ये क्या है, इसका जीवन में महत्त्व क्या है? ये ज़िंदगी का एक अहम पहलू हैं अगर सभी लोग इसको अपने जीवन में अपना लें, तो जीवन में कितने भी उतार चढ़ाव आयें उससे निकले का रास्ता भी मिल ही जाता है। परिस्थितियाँ कितनी ही विपरीत क्यों न हो मंज़िल ख़ुद-बख़ुद मिल जाती है। बस ज़रूरत है जीवन में सकारात्मक सोच अपनाने की।
विपरीत परिस्थितियाँ सबकी ज़िंदगी में आती हैं, मेरी भी ज़िंदगी में आयी यक़ीनन आप सब की ज़िंदगी में भी कभी न कभी आयी होंगी । सोच कर देखिये ऐसे कितने लोग होंगे जो अपने आत्मविश्वास को सुखी रेत की तरह मुठ्ठी से फिसलने नहीं देते। हालात के आगे अपने घुट्ने नहीं टेकते। तो शायद सिर्फ चंद लोग ही होंगे जिन्होंने अपनी स्कारात्मक सोच से अपने आत्म विश्वास को खोने नहीं दिया बल्कि इसे अपनी ताकत बनाकर अपनी मंजिल को पाया है।
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सकारात्मक सोच – जो बदल दे आपकी दुनिया और जीने का अंदाज़ भी। जो दे आपको जीने के लिए आशा की किरण और दिलाए सफलता प्राप्त करने का अचूक विश्वास।
सकारात्मक सोच, चंद शब्द नहींं है, जिसे थोड़े से शब्दों में समझाया जा सके कि ये क्या है, इसका जीवन में महत्त्व क्या है? ये ज़िंदगी का एक अहम पहलू हैं अगर सभी लोग इसको अपने जीवन में अपना लें, तो जीवन में कितने भी उतार चढ़ाव आयें उससे निकले का रास्ता भी मिल ही जाता है। परिस्थितियाँ कितनी ही विपरीत क्यों न हो मंज़िल ख़ुद-बख़ुद मिल जाती है। बस ज़रूरत है जीवन में सकारात्मक सोच अपनाने की।
विपरीत परिस्थितियाँ सबकी ज़िंदगी में आती हैं, मेरी भी ज़िंदगी में आयी यक़ीनन आप सब की ज़िंदगी में भी कभी न कभी आयी होंगी । सोच कर देखिये ऐसे कितने लोग होंगे जो अपने आत्मविश्वास को सुखी रेत की तरह मुठ्ठी से फिसलने नहीं देते। हालात के आगे अपने घुट्ने नहीं टेकते। तो शायद सिर्फ चंद लोग ही होंगे जिन्होंने अपनी स्कारात्मक सोच से अपने आत्म विश्वास को खोने नहीं दिया बल्कि इसे अपनी ताकत बनाकर अपनी मंजिल को पाया है।
archit9718707:
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