Hindi, asked by shalini2091, 1 year ago

Essay on samachar patra ka mahatwa in 200 words

Answers

Answered by Nihal8500
15
समाचार-पत्र जनसंचार का एक सशक्त माध्यम है | समाचार-पत्रों की निष्पक्षता एंव निर्भीकता के साथ-साथ इसकी प्रामाणिकता के कारण इनकी विश्वसनीयता में तेजी से वृद्धि हुई है | यही कारण है कि संतुलित तरीके से समाचारों का प्रस्तुतीकरण कर रहे समाचार-पत्रों की प्रसार संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है |

सोलहवीं शताब्दी में प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार के साथ ही समाचार-पत्र की शुरुआत हुई थी, किन्तु इसका वास्तविक विकास अठारहवीं शताब्दी में हो सका | उन्नीसवीं शताब्दी आते-आते इनके महत्व में तेजी से वृद्धि होने लगी, जिससे आगे के वर्षों में यह एक लोकप्रिय एंव शक्तिशाली माध्यम बनकर उभरा | समाचार-पत्र कई प्रकार के होते हैं- त्रैमासिक, मासिक, पाक्षिक, सप्ताहिक एवं दैनिक | कुछ नगरों में समाचार-पत्रों के प्रातःकालीन व सायंकालीन संस्करण भी प्रस्तुत किए जाते हैं | इस समय विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी दैनिक समाचार-पत्रों की संख्या अन्य प्रकार के पत्रों से अधिक है | भारत में भी समाचार-पत्रों की शुरुआत 18वीं शताब्दी में ही हुई थी |

भारत का पहला ज्ञात समाचार-पत्र अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित ‘बंगाल गजट’ था | इसका प्रकाशन 1780 ई. में जेम्स आगस्टस हिंकी ने शुरू किया था | कुछ वर्षों बाद अंग्रेजों ने इसके प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया | हिन्दी का पहला समाचार-पत्र ‘उदन्त मार्त्तण्ड’ था | इस समय भारत में कई भाषाओं के लगभग तीस हजार से अधिक समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं | भारत में अंग्रेजी भाषा के प्रमुख दैनिक समाचार-पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘द हिन्दू’, ‘हिंदुस्तान टाइम्स’, इत्यादि हैं | हिन्दी के दैनिक समाचार-पत्रों में ‘दैनिक जागरण’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘हिंदुस्तान’, ‘नवभारत टाइम्स’, ‘नई दुनिया’, ‘जनसत्ता’ इत्यादि प्रमुख हैं |

Answered by Anonymous
5
Hey dear friend ,

Here is your answer. - -

1 - खबरे हमे चाहिए ,
समाचार पत्र लाइये ।

2 - जन जन का ये नारा ,
समाचार पत्र हमारा है ।

3 - नयी नयी खबरें रोज रोज ,
समाचार पत्र देता हर रोज ।

प्रिय मित्र , समाचार पत्रों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है । हम प्रायः अपने दिन की शुरुआत समाचार पत्र पढ़ कर और अपने आसपास एवं समाज में हुई घटनाओं को जानकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं ।

यह हमारे लिए कोई नियम नहीं बल्कि हमारे दिनचर्या का ही एक हिस्सा है । जिसे हम भूल नहीं सकते यदि समाचारपत्र नहीं होगा तो , हमें अपने आसपास होने वाली घटनाओं की जानकारी नहीं मिलेगी । भारत में अभी भी बहुत सारे परिवार ऐसे हैं ।

जिनके पास TV रेडियो का माध्यम नहीं है ।

वह लोग सिर्फ समाचार पत्र के माध्यम से ही आस-पास के क्षेत्रों की खबरों की जानकारी लेते रहते हैं ।

Thanks ;) ☺☺☺
Similar questions