Hindi, asked by bhumi1685, 1 year ago

essay on samaj mein failta Bhrashtachar​

Answers

Answered by nam84
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Explanation:

प्रस्तावना

वर्तमान में समाज में कई प्रकार के भ्रष्टाचार व्याप्त है, इनमें से कुछ भ्रष्टाचार आसानी से दिखाई देते है। वही कई सारे बड़े स्तर के भ्रस्टाचारों को काफी गुप्त रुप से अंजाम दिया जाता है। भ्रष्टाचार चाहे छोटा हो या बड़ा लेकिन देश के अर्थव्यवस्था पर सदा इसका प्रतिकूल प्रभाव ही देखने को मिलता है।

भ्रष्टाचार के प्रकार

हम सभी भ्रष्टाचार से अच्छे तरीके से वाकिफ है और ये हमारे देश में कोई नई बात नही है। इसने अपनी जड़ें गहराई से लोगों के दिमाग में बना ली है। ये एक धीमे जहर के रुप में प्राचीन काल से ही समाज में रहा है। भ्रष्टाचार हमारे देश में मुगल साम्राज्य के समय से ही मौजूद रहा है और ये रोज अपनी जड़ो को और भी मजबूत करता जा रहा है साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों के दिमाग पर भी हावी हो रहा है। समाज में सामान्य होता भ्रष्टाचार एक ऐसा लालच है जो इंसान के दिमाग को भ्रष्ट कर रहा है और लोगों के दिलों से इंसानियत और स्वाभाविकता को खत्म कर रहा है।

भ्रष्टाचार कई प्रकार का होता है जिससे अब कोई भी क्षेत्र छुटा नहीं है चाहे वो शिक्षा हो, खेल हो, या राजनीति हो आज के समय में हर जगह भ्रष्टाचार का यह दानव अपनी जड़े जमा चुका है। इसकी वजह से लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझते। चोरी, बेईमानी, सार्वजनिक संपत्तियों की बरबादी, शोषण, घोटाला, और अनैतिक आचरण आदि जैसे सभी प्रकार के भ्रष्टाचार करते है। इसकी जड़े विकसित और विकासशील दोनों तरह के देशों में व्याप्त है। समाज में समानता के लिये हमें अपने देश से भ्रष्टाचार को पूरी तरह से मिटाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही हमें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठावान होना चाहिये और किसी भी प्रकार के लालच में नहीं पड़ना चाहिये।

निष्कर्ष

आज के समय में जब भ्रष्टाचार की यह समस्या दिन-प्रतिदिन भयावह होती जा रही है। तो ऐसे समय में हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि भ्रष्टाचार चाहे छोटा हो या बड़ा लेकिन उसकी भरपाई देश की आम जनता को ही करनी होगी।

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