essay on sankalp se harega corona
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आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस से उपजी बीमारी कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रही है। महामारी बन गई इस खतरनाक बीमारी का असर अपने देश में भी बढ़ता ही जा रहा है। आने वाले दस दिन यह तय करेंगे कि भारत में यह महामारी क्या रूप लेगी और यह बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि सरकार और उसकी संस्थाओं के साथ-साथ देश के आम और खास लोग यानी सभी देशवासी कितनी तत्परता से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की कोशिश करते हैं।
इस खतरनाक बीमारी को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है
चूंकि इस खतरनाक बीमारी को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है इसलिए सभी को अतिरिक्त सावधानी का परिचय देना होगा और यह ध्यान रखना होगा कि कई बार सफलता टीम के सबसे अच्छे खिलाड़ी पर नहीं, बल्कि कमजोर खिलाड़ी के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यदि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और उनके स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए गए आदेशों-निर्देशों का पालन 10 में से 9 लोग ही करते हैं तो वह एक व्यक्ति न केवल अपनी सेहत के लिए खतरा पैदा करेगा, बल्कि पूरे समाज और देश के लिए भी संकट खड़ा करेगा!
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए एकजुटता, संयम और सहयोग बनाए रखें
आज हम सबके सामने एक अलग किस्म की चुनौती आ खड़ी हुई है। यह एक कठिन चुनौती है और इसीलिए हालात मुश्किल भरे हैं। इन मुश्किल हालात में देश की एकजुटता, संयम और अनुशासन के साथ सहयोग की भी परख होनी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए जो अनेक कदम उठाए जा रहे हैं उनमें से एक है सोशल डिस्टेंसिंग। इसे सामाजिक रूप से अलग-थलग होना भी कहा जा रहा है।