Hindi, asked by kittu2287, 1 year ago

essay on save fuel save environment in hindi

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Answered by Gagan5359
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एक पदार्थ, जब अन्य पदार्थों के संपर्क में आता है, जो रासायनिक या परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करता है उसे ईंधन कहा जाता है। यह ऊर्जा एक रूप में प्रयोग की जाती है या फिर इसे दोबारा यांत्रिक ऊर्जा में बदल दिया जाता है और इसे अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जाता है। विभिन्न ईंधन की मदद से किए गए कुछ सामान्य कार्यों में वाहन चलाने, ऑपरेटिंग मशीनरी, खाना पकाने, इस्त्री और वार्मिंग शामिल है।

रासायनिक ईंधन को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है - ठोस ईंधन, तरल ईंधन और गैसीय ईंधन। ठोस ईंधन में लकड़ी, गाय का गोबर, लकड़ी का कोयला और कोक शामिल हैं। तरल ईंधन में पेट्रोलियम होता है जिसे विभिन्न प्रकार के तरल ईंधन जैसे डीजल, नेफथा, केरोसिन आदि बनाने के लिए संसाधित किया जाता है। प्राकृतिक गैसें में गैसीय ईंधन की श्रेणी के अंतर्गत आती हैं। इन्हें विभिन्न प्रयोजनों सीएनजी, ब्लास्ट फर्नेस गैस, मीथेन और कोयला गैस में संसाधित और रूपांतरित किया जाता है। दूसरी ओर परमाणु ईंधन को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है- फिजन और फ्यूजन। इनमें से प्रत्येक की ईंधन की अपनी अनूठी उपयोगिता है। हम अपने दिन के कार्यों को पूरा करने के लिए इनमें से अधिकतर उपयोग करते हैं।

पृथ्वी की सतह से ईंधन तेजी से घट रहा है। इसका कारण यह है कि उनकी मांग तेजी से बढ़ रही है जबकि इसकी आपूर्ति सीमित है। हमें इन पदार्थों को बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए ताकि वे खत्म न हो जाए।

Answered by geniusss
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ईंधन एक प्राकृतिक संसाधन है, जब यह एक रासायनिक या परमाणु प्रतिक्रिया से होकर गुजरता हैं तब उपयोगी ऊर्जा का उत्पादन होता है जो मानव जीवन को सुचारु रूप से चालने के लिए अत्यंत जरूरी हैं। कोयला, लकड़ी, तेल, पेट्रोल या गैस जलाने पर ऊर्जा प्रदान करते है और हमे बेहतर जीवन के साधन उपलब्ध कराते हैं। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं ईंधन मानव दावरा निर्मित नहीं किया जा सकता, यह केवल प्राकृतिक रूप से ही उपलब्ध है इसलिए हमे इसका उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब हम इन्हे पूरी तरह से नष्ट कर देगे । हमे केवल अपने वाहनों को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत नहीं है, अपितु ईंधन का उपयोग हमारे जीवन और माहौल को बेहतर बनाता है।

कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन प्राकृतिक संसाधन हैं। इनके बढ़ते उपयोग से पृथ्वी के भीतर इनकी उपस्थिति कम होती जा रही हैं। अगर हम इसी तरह से बिना सोचे समझे इन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब यह पूरी तरह से विल्पुत हो जाएगे। आज हमे वैकल्पिक और अक्षय स्रोतों को विकसित करने या प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की जरूरत हैं।

बेहतर होगा कि हम अपने पर्यावरण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईंधन की बचत करे। अब सवाल यह है की ईंधन की बचत एक बेहतर पर्यावरण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्यो जरूरी हैं। । आज औद्योगीकरण, मशीनरी, बिजली उपकरण और परिवहन के तेज साथन हमारे जीवन और समृद्धि के प्रतीकों में से एक बन गये है। इन सब को चलाने के लिए हम हर दिन तेल और गैस का उपयोग करते हैं लेकिन फिर भी हम यह नहीं समझ पाते की विकास का होना प्राकृतिक संसाधनों के बिना संभव नहीं हैं।

पेट्रोल या डीजल पर चलने मोटर वाहनों से छोड़ा गया धुआँ पृथ्वी की ओजोन परत को नष्ट कर रहा हैं। ओजोन परत की कमी के कारण, ग्रीन हाउस प्रभाव हो रहा है और पृथ्वी का तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ये सब हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा हैं। साथ ही साथ यह हमारे पर्यावरण को भी नुकसान कर रहा है। यही समय है कि मानवता के विकास और सुरक्षा लिए जीवाश्म ईंधन के उपयोग को बंद करके ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का प्रयोग किया जाये। अगर हम हमारी जीवन शैली को समायोजित करना चाहते हैं और सकारात्मक आदतें विकसित करना चाहते हैं तो हमे पर्यावरण के खिलाफ नकारात्मक प्रवृत्तियों को बदलने और ईंधन को बचाने के की तत्काल आवश्यकता है। जीवन के हर क्षेत्र चाहे वह घर मे खाना पकाना हो या फिर ऑफिस में कम्प्युटर चलाना हमे ईंधन की आवश्यकता होती ही हैं।

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