Essay on Sh. Atal Bihari Vajpayee has said, "I dream of a India free of hunger and want". What can you do to achieve this? in Hindi
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भारत के 52 वें स्वतंत्रता दिवस पर,(1999 में) लाल किले से बोलते हुए, अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था , "भारत के लिए मैंने एक सपना सपना देखा है : भूख और भय से मुक्त भारत , निरक्षरता और आभाव से स्वतंत्र भारत।"
अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, एक महान राजनेता और एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था । उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी, एक स्कूल शिक्षक और कवि थे, और उनकी मां का नाम कृष्णा देवी था। श्री वाजपेयी ने ग्वालियर और कानपुर में अपनी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने देश की प्रगति और आर्थिक स्थिरता को बहुत महत्त्व दिया। उनके शासनकाल में 'राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना ' और 'प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना' का आरंभ हुआ। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान का शुभारंभ भी किया। उनके नेतृत्व में भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी खूब प्रगत्ति की।
वाजपेयी जी भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया ' बनाना चाहते थे। उनका सपना था की देश का कोई भी वासी भूखा न रहे और उसे साधारण सुविधाओं के लिए किसी के सामने भीख ना मांगनी पड़े। अंग्रेजों के शासन के पूर्व जिस प्रकार भारत एक समृद्ध देश था , वाजपेयी जी उसे वह समृद्धि वापिस दिलाना चाहते थे। केवल योजनाएं बनाकर उनका सपना साकार नहीं हो सकता। सरकार द्वारा बनायीं गयी योजनाएं तभी सफल होंगी जब देश का हर एक नागरिक अपना कर्त्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाएगा। जब हम लोग एक जुट हो कर प्रण करें की हम भारत की स्थिति बदलेंगे, तभी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार , उन्हें कृषि के नई तकनीकों से परिचित करवाना और उन्हें अच्छा बीज और खाद उपलब्ध करवाना तो सरकार की ज़िम्मेदारी है। लेकिन हम बच्चे भी अगर खाना बर्बाद न करें, किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति के साथ अपना टिफ़िन बांटें तो हम भी इस सपने को साकार करने में मदद कर सकतें हैं। अगर हम पानी का सदुपयोग करें तो देश के गरीब लोगों को भी साफ़ पानी मिल सकता हैं। अपनी पुरानी किताबें ज़रूरतमंद बच्चोँ को दे के हम उनका भी पढ़ने का सपना पूरा कर सकते हैं। अपने पुराने या छोटे हो गए कपड़ों को न फेंक कर , यदि हम उन्हें गरीब बच्चों को दें तो शायद वे ठण्ड से बच जायेंगे।
ऐसे छोटे-छोटे काम करके हम भी भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने के सपने में अपना योगदान दे सकते हैं। यदि मन में देश के लिए कुछ अच्छा करने का संकल्प आज हर बच्चा ले , तो कल, जब हम बड़े होंगे और जब देश की बागडोर हमारे हाथ आएगी, हम इस से भी बड़े और महत्वपूर्ण काम कर के देश को उन्नति क पथ भी आगे ले जा सकते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, एक महान राजनेता और एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था । उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी, एक स्कूल शिक्षक और कवि थे, और उनकी मां का नाम कृष्णा देवी था। श्री वाजपेयी ने ग्वालियर और कानपुर में अपनी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने देश की प्रगति और आर्थिक स्थिरता को बहुत महत्त्व दिया। उनके शासनकाल में 'राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना ' और 'प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना' का आरंभ हुआ। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान का शुभारंभ भी किया। उनके नेतृत्व में भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी खूब प्रगत्ति की।
वाजपेयी जी भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया ' बनाना चाहते थे। उनका सपना था की देश का कोई भी वासी भूखा न रहे और उसे साधारण सुविधाओं के लिए किसी के सामने भीख ना मांगनी पड़े। अंग्रेजों के शासन के पूर्व जिस प्रकार भारत एक समृद्ध देश था , वाजपेयी जी उसे वह समृद्धि वापिस दिलाना चाहते थे। केवल योजनाएं बनाकर उनका सपना साकार नहीं हो सकता। सरकार द्वारा बनायीं गयी योजनाएं तभी सफल होंगी जब देश का हर एक नागरिक अपना कर्त्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाएगा। जब हम लोग एक जुट हो कर प्रण करें की हम भारत की स्थिति बदलेंगे, तभी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार , उन्हें कृषि के नई तकनीकों से परिचित करवाना और उन्हें अच्छा बीज और खाद उपलब्ध करवाना तो सरकार की ज़िम्मेदारी है। लेकिन हम बच्चे भी अगर खाना बर्बाद न करें, किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति के साथ अपना टिफ़िन बांटें तो हम भी इस सपने को साकार करने में मदद कर सकतें हैं। अगर हम पानी का सदुपयोग करें तो देश के गरीब लोगों को भी साफ़ पानी मिल सकता हैं। अपनी पुरानी किताबें ज़रूरतमंद बच्चोँ को दे के हम उनका भी पढ़ने का सपना पूरा कर सकते हैं। अपने पुराने या छोटे हो गए कपड़ों को न फेंक कर , यदि हम उन्हें गरीब बच्चों को दें तो शायद वे ठण्ड से बच जायेंगे।
ऐसे छोटे-छोटे काम करके हम भी भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने के सपने में अपना योगदान दे सकते हैं। यदि मन में देश के लिए कुछ अच्छा करने का संकल्प आज हर बच्चा ले , तो कल, जब हम बड़े होंगे और जब देश की बागडोर हमारे हाथ आएगी, हम इस से भी बड़े और महत्वपूर्ण काम कर के देश को उन्नति क पथ भी आगे ले जा सकते हैं।
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