essay on शिष्टाचार।
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शिष्टाचार.....
व्यक्ति की पसंद, नापसंद, स्वाद, भावनाओं और क्रोध को दिखाते हैं अच्छा व्यवहार एक व्यक्ति की आत्मसंतुष्टता का निशान है एक समाज में रहने के लिए, हमारे ऐसे ऐसे गुण हैं जिनमें समाज के सभी लोग
हर समाज में, कुछ ऐसे व्यवहार होते हैं जो अच्छे व्यवहार के रूप में स्वीकार किए जाते हैं। वे एक अच्छी शिक्षा और संगोष्ठी के साथ आते हैं। वे किसी के लिए बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन अच्छे व्यवहार से हम सभी की प्रशंसा जीत सकते हैं।
बचपन से सीखना अच्छा व्यवहार है एक बच्चे को अपने बुजुर्गों का पालन करना सीखना चाहिए और उनकी उम्र के बच्चों को भी काफी व्यवहार करना चाहिए।
अच्छा व्यवहार एक व्यक्ति को एक सज्जन बनने के लिए दिखाता है, दोस्ती और सम्मान जीतने के लिए सभी आवश्यक हैं। हम अच्छे व्यवहार के बिना जीवन में सफल नहीं हो सकते हैं।
Answer:
शिष्ट या सभ्य पुरुषों का आचरण शिष्टाचार कहलाता है । दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार, घर आने वाले का आदर करना, आवभगत करना, बिना द्वेष और नि:स्वार्थ भाव से किया गया सम्मान शिष्टाचार कहलाता है ।
शिष्टाचार से जीवन महान् बनता है । हम लघुता सं प्रभुत्ता की ओर, संकीर्ण विचारों से उच्च विचारों की ओर, स्वार्थ से उदार भावनाओं की ओर, अहंकार से नम्रता की ओर, घृणा से प्रेम की ओर जाते हैं । शिष्टाचार का अंकुर बच्चे के हृदय में बचपन से बोया जाता है । छात्र जीवन में यह धीरे-धीरे विकास की ओर अग्रसर होता है ।
शिक्षा समाप्त होने पर और समाज में प्रवेश करने पर यह फलवान् होता है । यदि उसका आचरण समाज के लोगों के प्रति घृणा और द्वेष से भरा हुआ है, तो वह तिरस्कृत होता है, साथ ही उन्नति के मार्ग बंद होने प्रारम्भ हो जाते हैं, उच्च स्तर प्राप्त करने की आकाक्षाएं धूमिल हो जाती हैं । इसके विपरीत मधुरभाषी शिष्ट पुरुष अपने आचरण से शत्रु को मित्र बना लेता है । उन्नति के मार्ग स्वत: खुल जाते हैं ।
Explanation:
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