Essay on शीत ऋतु | Sheet Ritu | Winter Season
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शीत ऋतु | Sheet Ritu | Winter Season
भारत ऋतुओं और त्यौहारों का देश है| यहाँ विविधता में एकता है| जहाँ दक्षिण में गर्मी जानलेवा होती है वहीँ उत्तर में सर्दी कड़ाके की पडती है| पश्चिमी देश, जहाँ 10 महीने प्रचण्ड ठण्ड में गुजरते हैं वहीं भारत में शीत ऋतु की अवधि लगभग चार महीने होती है , यह नवम्बर से फरवरी तक चलती हैं| इस ऋतु का स्वागत दीपावली पर्व से किया जाता है और विदाई बसंत पंचमी से दी जाती है| ये ऋतु शरीर के लिए उर्जा संचयन की ऋतु कही जाती है क्योंकि इस समय पाचन क्रिया सक्रिय होती है| अत: घी, सूखे मेवे, तिल, गुड, मक्का, बाजरा सरीखी चीजें भोजन में शामिल की जाती है| सब्जियों की भी वृहद सूची होती है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही पोष्टिक भी होती है| शीत ऋतु में कोहरा, मावठ, शीतलहर और ओलावृष्टि आम बात है| बहुत सारे उत्तर के राज्यों में अत्यादिक कोहरा एवं सर्दी होने की वजह से काम - काज की गति धीमी हो जाती है , कोहरे की वजह से अनेक ट्रेने और हवाई यात्रा बाधित होती है| यात्री समय पर नहीं पहुच पाते| कभी-कभी तो यात्रा रद्द भी हो जाती है| दिन छोटे और रातें लम्बी होती है| लोगों की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है| अत्यधिक सर्दी से बचाव न कर पाने के कारण मृत्युदर में भी वृद्धि हो जाती है| कभी-कभी खड़ी फसलें मावठ या ओलावृष्टि के कारण चोपट हो जाती है| पर हिमपात देखने के शौकीन लोगों के घूमने के लिए ये आदर्श समय है| मनाली, शिमला जैसे स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जाती है| शीत ऋतू में पाचन शक्ति बढ़ जाती हैं , और जो भी खाया जाता है वो आम तौर पे हज़म हो जाता हैं |
फैशन कि दृष्टि से यह ऋतू लोगो को तरह-तरह के परिधान पहनने का अवसर प्रदान करती है , जिसमे स्वेअटर , कोट , मफलर और स्काफ़ प्रमुख हैं | लोग सर्दी से बचने के लिए अंगीठी , हीटर और लकड़ियां जलाते हैं , और उनका सेक करते हैं |
भारत ऋतुओं और त्यौहारों का देश है| यहाँ विविधता में एकता है| जहाँ दक्षिण में गर्मी जानलेवा होती है वहीँ उत्तर में सर्दी कड़ाके की पडती है| पश्चिमी देश, जहाँ 10 महीने प्रचण्ड ठण्ड में गुजरते हैं वहीं भारत में शीत ऋतु की अवधि लगभग चार महीने होती है , यह नवम्बर से फरवरी तक चलती हैं| इस ऋतु का स्वागत दीपावली पर्व से किया जाता है और विदाई बसंत पंचमी से दी जाती है| ये ऋतु शरीर के लिए उर्जा संचयन की ऋतु कही जाती है क्योंकि इस समय पाचन क्रिया सक्रिय होती है| अत: घी, सूखे मेवे, तिल, गुड, मक्का, बाजरा सरीखी चीजें भोजन में शामिल की जाती है| सब्जियों की भी वृहद सूची होती है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही पोष्टिक भी होती है| शीत ऋतु में कोहरा, मावठ, शीतलहर और ओलावृष्टि आम बात है| बहुत सारे उत्तर के राज्यों में अत्यादिक कोहरा एवं सर्दी होने की वजह से काम - काज की गति धीमी हो जाती है , कोहरे की वजह से अनेक ट्रेने और हवाई यात्रा बाधित होती है| यात्री समय पर नहीं पहुच पाते| कभी-कभी तो यात्रा रद्द भी हो जाती है| दिन छोटे और रातें लम्बी होती है| लोगों की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है| अत्यधिक सर्दी से बचाव न कर पाने के कारण मृत्युदर में भी वृद्धि हो जाती है| कभी-कभी खड़ी फसलें मावठ या ओलावृष्टि के कारण चोपट हो जाती है| पर हिमपात देखने के शौकीन लोगों के घूमने के लिए ये आदर्श समय है| मनाली, शिमला जैसे स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जाती है| शीत ऋतू में पाचन शक्ति बढ़ जाती हैं , और जो भी खाया जाता है वो आम तौर पे हज़म हो जाता हैं |
फैशन कि दृष्टि से यह ऋतू लोगो को तरह-तरह के परिधान पहनने का अवसर प्रदान करती है , जिसमे स्वेअटर , कोट , मफलर और स्काफ़ प्रमुख हैं | लोग सर्दी से बचने के लिए अंगीठी , हीटर और लकड़ियां जलाते हैं , और उनका सेक करते हैं |
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good boy . thanks I got helped to because of this guy so thanks
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