Hindi, asked by krishna2707, 11 months ago

Essay on Shishir Ritu in Hindi of 600 words​

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Answered by devanayan2005
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बसंत, ग्रीष्म और वर्षा देवी ऋतु हैं तो शरद, हेमंत और शिशिर पितरों की ऋतु है। शिशिर में कड़ाके की ठंड पड़ती है। घना कोहरा छाने लगता है। दिशाएं धवल और उज्ज्वल हो जाती हैं मानो वसुंधरा और अंबर एकाकार हो गए हों। ओस से कण-कण भीगा जाता है।  

शिशिर में वातावरण में सूर्य के अमृत तत्व की प्रधानता रहती है तो शाक, फल, वनस्पतियां इस अवधि में अमृत तत्व को अपने में सर्वाधिक आकर्षित करती हैं और उसी से पुष्ट होती हैं। मकर संक्रांति पर शीतकाल अपने यौवन पर रहता है। शीत के प्रतिकार तिल, तेल आदि बताए गए हैं।

ज्योतिषाचार्य व्यास के अनुसार शिशिर में ठंड बढ़ने के कारण अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक पाक, मेवों, दूध, गुड़-मूंगफली आदि शरीर को पुष्ट करते हैं। इस ऋतु में हाजमा ठीक रहता है। नई फसल आने पर परमात्मा को पहले अर्पित करते हैं इस समय व्रत-त्योहारों में तिल का महत्व बताया गया है। माघ माह में गणपति आराधना होती है। शनिश्चरी व सोमवती अमावस्या, मकर संक्राति, तिलकुटा एकादशी, तिल चतुर्थी आदि पर्व आएंगे।

Answered by Anonymous
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भारत एक ऐसा देश है जहां चार प्रकार की ऋतु जैसे वसंत ऋतु वर्षा ऋतु ग्रीष्म ऋतु तथा शिशिर ऋतु पाई जाती है शिशिर ऋतु को पितरों का रितु भी कहा जाता है।

शिशिर ऋतु मैं कड़ाके की रूहं का कापने पने वाली ठंड लगती है। इस ऋतु में चारों तरफ घना कोहरा दिखाई देता है। मानव जैसे सुबह अंधेरा हो गई हो।

शिशिर ऋतु में गर्म और मोटे कपड़े पहने जाते हैं तथा लोग शरीर को गर्म करने के लिए तरह तरह के उपकरण जैसे हीटर एसी आदि का प्रयोग करते हैं छोटे-छोटे गांव में आग जलाकर व्यक्ति अपना शरीर गर्म करता है कई जगहों पर नदी तालाब के पानी जम जाते हैं लद्दाख शिमला आदि जैसे शहर में बर्फ की बारिश होती है तथा आने जाने के रास्ते भी बर्फ से ढक जाते हैं। व्यक्तियों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है। भेर के बाल के बने ऊनी कपड़े रंग-बिरंगे बाजार में सज जाते हैं।

ईन‌ मौसम में कई तरह के फल फूल उगते हैं जैसे टमाटर खीरा आदि। यह मौसम गरीबों के लिए काफी दयनीय होता है जिनके पास कपड़ों का अभाव होता है वह ठंड से ठिठुर कर मर जाते हैं। सरकार हर साल वैसे लोगों को कंबल बांटती है।

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