Hindi, asked by s8rjRosaikaku, 1 year ago

Essay on student life and yog

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Answered by neelimashorewala
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आज  हम विद्यार्थियों की जिंदगी  में अनेक ऐसे पल हैं जो हमारी स्पीड पर ब्रेक लगा देते हैं। हमारे आस-पास ऐसे अनेक कारण विद्यमान हैं जो तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ाहट को जन्म देते हैं, जिससे हमारी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। ऐसे में जिंदगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाये रखने के लिये योग एक ऐसी रामबाण दवा है जो, माइंड को कूल तथा बॉडी को फिट रखता है। योग से जीवन की गति को एक संगीतमय रफ्तार मिल जाती है।
योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान है। संसार की प्रथम पुस्तक ऋग्वेद में कई स्थानों पर यौगिक क्रियाओं के विषय में उल्लेख मिलता है। भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है। बाद में कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने इसे अपनी तरह से विस्तार दिया। इसके पश्चात पतंजली ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया।
योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा विज्ञान है… जीवन जीने की एक कला है योग। योग शब्द के दो अर्थ हैं और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

पहला है- जोड़ और दूसरा है समाधि।

जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते, समाधि तक पहुँचना कठिन होगा अर्थात जीवन में सफलता की समाधि पर परचम लहराने के लिये तन, मन और आत्मा का स्वस्थ होना अति आवश्यक है और ये मार्ग और भी सुगम हो सकता है, यदि हम योग को अपने जीवन का हिस्सा बना लें। योग विश्वास करना नहीं सिखाता और न ही संदेह करना और विश्वास तथा संदेह के बीच की अवस्था संशय के तो योग बिलकुल ही खिलाफ है। योग कहता है कि आपमें जानने की क्षमता है, इसका उपयोग करो।

प्राचीन जीवन पद्धति लिये योग, आज के परिवेश में हमारे जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं। आज के प्रदूषित वातावरण में योग एक ऐसी औषधि है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है, बल्कि योग के अनेक आसन जैसे कि, शवासन हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है, जीवन के लिये संजीवनी है कपालभाति प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करता है,वक्रासन हमें अनेक बीमारियों से बचाता है। विद्यार्थियों को  दिनभर कम्प्यूटर के सामने बैठ-बैठे काम करने से को कमर दर्द एवं गर्दन दर्द की शिकायत एक आम बात हो गई है, ऐसे में शलभासन तथा तङासन हमें दर्द निवारक दवा से मुक्ति दिलाता है। पवनमुक्तासन अपने नाम के अनुरूप पेट से गैस की समस्या को दूर करता है। गठिया की समस्या कोमेरूदंडासन दूर करता है। योग में ऐसे अनेक आसन हैं जिनको जीवन में अपनाने से कई बीमारियां समाप्त हो जाती हैं और खतरनाक बीमारियों का असर भी कम हो जाता है। 24 घंटे में से महज कुछ मिनट का ही प्रयोग यदि योग में उपयोग करते हैं तो अपनी सेहत को हम चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। फिट रहने के साथ ही योग हमें पॉजिटिव एर्नजी भी देता है। योग से शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास होता है।

आज विद्यार्थियों का जिस तरह का खान-पान और रहन-सहन हो गया है, ऐसे में बहुत ज़रूरी है की हम सब योग को अपनायें और अपने भारतीय गौरव को एक स्वस्थ पैगाम से गौरवान्वित करें।

गीता में लिखा है ,  “योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की यात्रा है। “

आइये हम भी इस यात्रा में शामिल हो जाएं और इस जीवन को सफल बनाएं।

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