essay on swach Bharat in Hindi within 150 words
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प्रस्तावना:- स्वछता का सीधा सम्बन्ध हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। अतः यह कहना गलत नहीं होगा की एक स्वच्छ शरीर में ही एक स्वस्थ मन का निवास होता है, आज से सौ वर्ष पहले महात्मा गाँधी ने एक स्वच्छ भारत का सपना देखा, जो आज साकार हो रहा है।
हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाना है| हमारे प्रधानमंत्री द्वारा इस अभियान का शुभारम्भ ०२ अक्टूबर सन २०१४ में महात्मा गाँधी के जन्मदिवस के दिन किया गया था और उसी समय इसके समापन की तिथि ०२ अक्टूबर २०१९ को गांधीजी की १५० वे जन्मदिवस के दिन निर्धारित की गयी।
हमे ये तो पता है की स्वछता का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है परन्तु हमने इसका अर्थ सिर्फ स्वयं के शरीर की सफाई से लगा लिया है, ये गलत है स्वछता को सिर्फ शरीर की सफाई तक सिमित कर के हमने उसके अर्थ को संक्रीण बना दिया है। स्वछता, भक्ति के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है, गांधीजी के अनुसार,”जब तक आप झाड़ू और बाल्टी अपने हाथों में नहीं लेते तब तक आप अपने गांव एवं कस्बे को स्वस्थ नहीं कर सकते “ स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत स्वयं हमारे प्रधानमंत्री ने झाड़ू लगा के की थी। स्वच्छ भारत अभियान का सफलतम क्रियान्वयन करना भारत जैसे बड़े शेत्रफ़ल् वाले देश मे अत्यन्त कठिन था,परन्तु हमारे प्रधानमंत्री के दृण संकल्प ने गांधीजी के इस सपने को सच कर दिखाया।
अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री जी को अमरीका में गोलकीपर ग्लोबल गोल्स नामक पुरस्कार से सम्मानित किया गया यह पुरस्कार उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के उनके सफलतम क्रियान्वयन के लिए दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश के इंदौर शहर को लगातार तीन वर्षो से भारत के सबसे स्वच्छ शहर के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है,स्वच्छ भारत अभियान ने भारत की जनता में वैचारिक
क्रांति उत्पन्न कर दी है। अब लोग न सिर्फ स्वयं को स्वच्छ रखने की अपितु अपने गांव, जिला एवं शहर को भी स्वच्छ रखने की बात करते हैं, और इस दिशा में अपना भरसक योग दान भी दे रहे हैं। भारत में बहुत सी ऐसी सामजिक संस्स्थाएं भी हैं जो स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अपना योगदान दे रही हैं, इन संस्थाओं के लोग गांव, कस्बो एवं शहरों में जा कर लोगो को स्वछता के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें स्वछता से होने वाले फायदों से अवगत कराते हैं।
सवा सौ करोड़ वाले भारत देश में इस मुहीम को चलाना एवं भली भांति इसका संपादन करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, हमे इस बात का गर्व है की भारत सरकार ये करने में सफल हुई, क्यूंकि इस अभियान ने जन-भावना का रूप जो ले लिया है, स्वच्छ भारत अभियान एक ऐसी पहल जिसमे हर जाति, वर्ग, और धर्म के लोगो ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया और इसे सफल भी बनाया।
उपसंहार :- हालांकि इस अभियान की कार्यावधि अब समाप्त हो गयी है फिर भी इस अभियान ने लोगो के दिलो में स्वछता की वो मशाल जला दी है जो अब बुझने वाली नहीं है, यदि हम सब स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का एक हिस्सा बना ले तो वो दिन दूर नहीं जब भारत का सिर्फ एक शहर ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत स्वच्छ हो जायेगा, इस प्रकार स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का सपना भी सच हो जायेगा।
जागृति अस्थाना -लेखक
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अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।गांधी जी की 145वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है।