Essay on swach Bharat sundar bharat
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भारत, हमारा भारत देश वैसे बहुत खूबसूरत और सुन्दर है । हम लोगों ने कुछ दशाब्दों से इस को गंदा करके एक दम बरबाद किया है । अब इस को सुधारने का वख्त आया है । भारत देश को सुंदर बनाने और दिखाने में सब लोगोंकी खास भूमिका है । अगर हम शौचालयों की बात लेते हैं, तो यह हमारे घरों की औरतों का इज्जत की भी सवाल है । और देश विदेशों में हिंदुस्थानियों की इज्जत की सवाल है। हमारी संस्कृति, सभ्यता और नागरिकता दांव पर हैं और खतरे मे हैं ।
2 अक्टोबर 2014 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ किया । इस का मुख्य उद्देश्य है सब सड़कों को , सार्वजनिक जगहों को कूड़ा निकलकर साफ करना, लोगोंको सफाई की तरीकें सिखाना। बहुत लोगों ने अब तक इस अभियान में भाग लिया और काफी समय और धन भी व्यय किया।
महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि सब भारत वासी स्वच्छता के बारे में सीखें और उसका अमल करें। देश भर के नेताओं ने अभियान में हिस्सा लिया और उसे जारी रखने की कसमें खाई। इस अभियान से सब बच्चे, बड़े और बूढ़े साफ सुधरा रहेंगे।
हर हफ़्ते रविवार को सरकार कर्मचारी, अफसर , राजकीय नायक , प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार , समाजिक सेवा संघ और बहुत सारे लोग इस अभियां में भाग ले रहे हैं। इससे गरीब लोगों के मन में सफाई और स्वास्थ्य ले बारे में विचार पैदा करना है। उन्हे अच्छे संस्कार और आजकल के जीने के तौर तरीके सिखाना है। इसी सिलसिले में बहुत जगहों पर कूड़े के डिब्बे रखे गये। और टीवी पर विज्ञापन भी दिखाये जा रहे हैं ।
स्वच्छ भारत अभियान से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई बढ़ेंगे और गरीबों के पैसे भी बचेंगे । सिर्फ दो घंटे हर हफ़्ते लगाना है हमें इस काम में । स्वच्छ भारत में लोग ना गंदगी करेंगे और ना करने देंगे । इस से भारत का आर्थिक स्थिति में सुधार होगा ।
गावों में घर घर में और सामाजिक जगहों में भी शौचालय बनाने होंगे। इस में मुनिसिपलिटी और पंचायत की विशेष भूमिका है। जहाँ पर सरकार या नगर पालिका अच्छा प्रबन्धन नहीं कर पाती है, वहां कुछ स्वैच्छिक संस्थानों को सफाई के कम सौंपना चाहिये। इन संस्थानों को कुछ नाममात्र भुगतान भी दिया जा सकता है।
केंद्रीया विद्या बोर्ड ने सी बि एस सी , आइ सी एस सी, राज्यों में सरकार विद्या सम्बंध बोर्डों को स्वच्छ भारत के लिये काम करने के लिये कहा है। और बहूत सारे विद्यालयों ने भी कुछ रविवार को साफ करने का काम किया है । स्वच्छता के बारे में बहुत प्रतयोगिताओं कि आयोजन किया गया । अब तो बच्चा बच्छा स्वच्छ भारत के बारे में जानता है।
अखबार, टीवी और रेडियो पर प्रसारणों और चर्चाओं लोगों की जानकारी बढी । कुछ सालों के बाद हिंदुस्तान पश्चिमी देशों जैसे एकदम बढिया और सुन्दर हो जाएगा। हर हफ्ते कुछ न कुछ जगह पर स्वच्छता का अभियान चल रहा है। लेकिन अभी अभियान तुरंत सफल नहीं हो सकता । क्यों कि भारत देश बहुत बड़ा है। गावों में बहुत लोग गरीब हैं और अपने लिए शौचालय नहीं बना सकते हैं। कुछ सेलेब्रिटियाँ और कुछ संस्थाएं और सरकारी अफसरों ने बहुत जगहों में सौचालय बनाये । कूड़ा साफ करवाए ।
बहुत बच्चे और बड़े लोग अपने देश में होती गंदगी और दुर्गंध को नापसंद कराते हुए , विदेश चले जाना चाहते हैं । जब लड़के विदेश जाकर उधर के रास्ते, सामाजिक जगहें , घर देखते हैं, तो बहुत पसंद कराते हैं । ऊधर ही रहना चाहते हैं । हम भी देखते हैं कि हॉलीवुड के चलन चित्रों में सब कुछ सुंदर सा दीखता है । जब भारत वासी भी अपने मुल्क को अच्छी तरह रख पाएंगे तो, इंडिया बनेगा सुंदर भारत । विदेशी यात्री भारत देश आने में डरते हैं, कहीं वे बीमार न पड जाएँ । जब हिंदुस्तान स्वच्छ और सुंदर बनेगा , तो पर्याटन से बहुत आमदनी मिल पाएगी ।
हब सब लोगों का एक ही धर्म है कि अपना घर , घर के आसपास के जगहों को साफ रखें और गंदा ना करें। पिछले एक साल में तो बहुत कुछ हुआ। सब जन यह तो जान चुके कि स्वच्छता का खासियत क्या है । अभी सभी शहरों में उतने पिशाबघर उपलब्द नहीं हैं, जीतने होने चाहिए । उनके माइंटेनेंस कि बात भी अभी श्रेष्ठ नहीं है । लोगों स्वच्छता कि आदत पड जाएगी कुछ सालों में। सब शहर अच्छे दीखने लगेंगे । मेरी आशा है कि पांच सालों में सब लोग स्वच्छ भारत बनाने में अपना हिस्सा निभाएंगे और भारत का नाम दुनिया में रोशन करेंगे ।
परिचय
स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान, भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में स्वच्छता के विषय को शुरू करने के लिए एक बड़े पैमाने पर जन आंदोलन के रूप में चलाया गया एक अभियान है। यह अभियान महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती 2019, 2 अक्टूबर, 2019 तक 'स्वच्छ भारत' का लक्ष्य बनाने के रास्ते की तलाश में शुरू किया गया था।
इस पहल का महत्व
राष्ट्र के पिता, महात्मा गांधी ने हमेशा भारत को एक स्वच्छ भारत बनाने का सपना देखा था और हमेशा भारत में स्वच्छता के लिए अपने कठिन प्रयास किए। यही कारण है कि, स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी के जन्मदिन) पर लॉन्च किया गया था। राष्ट्र के पिता के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, भारत सरकार ने इस अभियान को शुरू करने का निर्णय लिया है। मार्च 2017 में, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी के सरकारी कार्यालयों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए पान और गुटखा चबाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मिशन का उद्देश्य इस देश को दुनिया के सामने एक आदर्श देश के रूप में पेश करने के लिए सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करना है। मिशन ने लक्ष्य बनाया है कि खुले में शौच को खत्म करना, फ्लश टॉयलेट्स में इन्सानिट्री टॉयलेट्स को बदलना, मैनुअल मैला ढोना, पूर्ण निपटान और ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग करना।
निष्कर्ष
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाना और स्वास्थ्य प्रथाओं को प्रेरित करना, लोगों में स्वच्छता जागरूकता फैलाना और सभी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को मजबूत करना है। यह स्वच्छता रखरखाव के लिए भारत में निवेश के इच्छुक सभी निजी क्षेत्रों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल वातावरण बनाने में मदद करता है। इस मिशन में अभियान में शामिल प्रत्येक व्यक्ति द्वारा नौ नए लोगों को आमंत्रित करने और भारत के प्रत्येक नागरिक को इस अभियान में शामिल होने तक इस श्रृंखला को जारी रखने का एक दिलचस्प विषय है।