essay on swach bharat swasth bharat in hindi
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हर गाँव में और शहर में म्यून्सीपालिटी के स्वच्छता का काम जो होते हैं हर दिन, उनको ठीक करवाना। उनके इंतजाम जहां पर अभी तक नहीं हैं, वहाँ पर नए प्रबंधन करना । इसके लिए बहुत सारे नए कूदे के डिब्बे नए नए खरीदे गए और जगह जगह रखे गए। जब हम लोग कूड़ा इधर उधर नहीं फेंकेंगे, स्थगित पानी को रहने नहीं देंगे, तब मच्छर और वैरस नहीं पैदा होंगे और नहीं फैलेंगे । तो लोगोन को बुखार नहीं होगा ।
पीने के पानी जो सब घरों में आता है और जो पानी तालाबों और छोटे नलोंमें बहता है, वो शुद्ध नहीं होता। लोग गंदा करते हैं। इसलिए पानी को साफ करके लोगों तक पहुंचाना है। और बहुत छोटे गाओन में लोगों के घरों में शौचालय नहीं हैं। क्योकि वे गरीब हैं। नहीं बनवा सकते हैं। तो सरकार लाखों शौचालय बनाने का काम लिया है। इस से किटानों, वैरस , मक्खी नहीं फैलेंगी। बच्चे और बूढ़े तंदुरुस्त रहेंगे।
महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि सब भारतवासी स्वच्छता और शुद्धता के बारे में जानीं, सीखें और अमल करें। और यह अभियान गांधीजी के सपने को साकार रूप देता है । यह अभियान पाँच सालों तक चलेगा । हर साल हजारों करोड़ों रुपये अभियान के लिए खर्च करे जाएंगे ।
नदी गंगा उत्तर भारत में बहुत आबादी के लिए पीने का पानी देता है। इस में लोग बहुत गंदगी डालते हैं। कुछ औद्योगिक संस्थाएं हानिकारक रसायन भी मिलाते हैं। लोग नहाते हैं नदी में और उसका पानी पीते है और रसोई में इस्तेमाल भी करते हैं। गंगा नदी का पानी प्रदूषित हो गया है। इस कारण से बहुत लोग बीमार पड रहे हैं। उनके तबीयत खराब होता है और उन्हें दवाइयाँ , इलाज, और डॉक्टर के फीस वगैरा भरने में तकलीफ होती है। बीमारियों से ठीक होने में भी वक्त लगता है। बहुत पैसे खर्च होते हैं। प्रदूषण से जो जल के अंदर के जानवर बीमार होते हैं। उनको खाने से लोगों को बीमारियाँ हो सकते हैं।
सरकारी और यूएनओ. के गणना से पता चलता है कि लाखों लोग प्रदूषण संबंधी रोगों से हर साल भारत देश में मर जाते हैं। स्वच्छता के मामले में हमें ध्यान रकना चाहिए। जब स्वच्छ पर्यावरण सब लोगों के पास होगा, जब सब लोग अपने पर्यावरण को गंदा नहीं करेंगे, तब बीमार नहीं पड़ेंगे तो तंदुरुस्त और स्वस्थ रहेंगे । इसीलिए हम कहते हैं की स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।
परिचय
स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान, भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में स्वच्छता के विषय को शुरू करने के लिए एक बड़े पैमाने पर जन आंदोलन के रूप में चलाया गया एक अभियान है। यह अभियान महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती 2019, 2 अक्टूबर, 2019 तक 'स्वच्छ भारत' का लक्ष्य बनाने के रास्ते की तलाश में शुरू किया गया था।
इस पहल का महत्व
राष्ट्र के पिता, महात्मा गांधी ने हमेशा भारत को एक स्वच्छ भारत बनाने का सपना देखा था और हमेशा भारत में स्वच्छता के लिए अपने कठिन प्रयास किए। यही कारण है कि, स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी के जन्मदिन) पर लॉन्च किया गया था। राष्ट्र के पिता के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, भारत सरकार ने इस अभियान को शुरू करने का निर्णय लिया है। मार्च 2017 में, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी के सरकारी कार्यालयों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए पान और गुटखा चबाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मिशन का उद्देश्य इस देश को दुनिया के सामने एक आदर्श देश के रूप में पेश करने के लिए सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करना है। मिशन ने लक्ष्य बनाया है कि खुले में शौच को खत्म करना, फ्लश टॉयलेट्स में इन्सानिट्री टॉयलेट्स को बदलना, मैनुअल मैला ढोना, पूर्ण निपटान और ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग करना।
निष्कर्ष
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाना और स्वास्थ्य प्रथाओं को प्रेरित करना, लोगों में स्वच्छता जागरूकता फैलाना और सभी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को मजबूत करना है। यह स्वच्छता रखरखाव के लिए भारत में निवेश के इच्छुक सभी निजी क्षेत्रों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल वातावरण बनाने में मदद करता है। इस मिशन में अभियान में शामिल प्रत्येक व्यक्ति द्वारा नौ नए लोगों को आमंत्रित करने और भारत के प्रत्येक नागरिक को इस अभियान में शामिल होने तक इस श्रृंखला को जारी रखने का एक दिलचस्प विषय है।