Hindi, asked by arya184, 9 months ago

essay on swachh satna green satna in hindi​

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Answered by cimahagaonkar
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सतना। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 का आगाज हो चुका है। निगम प्रशासन शहर की सड़कों को कचरामुक्त बनाने के लिए एक हजार कर्मचारी और एक सैकड़ा वाहन वार्डों में उतार रखे हैं। बाजार क्षेत्र में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था शुरू की गई है। डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए ठेका कंपनी के वाहन दिनभर कॉलोनियों में दौड़ रहे हैं। इसके बाद भी शहर के ज्यादातर वार्डों न तो झाड़ू फिरती और न ही प्रतिदिन कचरे का उठाव होता।

सफाई व्यवस्था रसूखदारों की कॉलोनी एवं सड़कों तक सिमट कर रह गई है। शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान की नब्ज टटोली तो चौंकाने वाला नजारा सामने आया। सांसद, महापौर और निगमायुक्त निवास के आसपास एक तिनका तक नहीं मिला। वहीं शहर की आम कॉलोनियों में कचरे का ढेर थे, वहीं दोपहर 1 बजे तक बाजार क्षेत्र में दुकानों के सामने कचरा नहीं उठा ।

1- सांसद की गली

फेंड्स कॉलोनी की गली नंबर एक में सांसद गणेश सिंह का आवास है, सांसद के आवास को जाने वाली सड़क पर न तो कहीं कचरा दिखा और न सड़क किनारे गंदगी। साफ-सुथरी सड़क बता रही थी कि सफाई सुबह ही हुई है।

2- महापौर का आवास

चित्रकूट मार्ग के किनारे बगहा स्थित महापौर ममता पाण्डेय के आवास के सामने सड़क साफ थी। न कचरे के ढेर दिखे और न सड़क किनारे गंदगी नजर आई। जबकि उनके मकान के कुछ आगे ही गंदगी का साम्राज था।

3- निगमायुक्त का बसेरा

सिविल लाइन स्थित नगर निगम आयुक्त प्रवीण अढ़ायच का आवास भी साफ दिखा। आवास के सामने सड़क तक चकाचक थी। यहां धूल का एक तिनका भी नहीं दिखा, कारिंदों को भी पता है कि यह साहब का बंगला है।

वार्डों से सौतेला व्यवहार

नगर निगम प्रशासन की ओर से शहर की सफाई के लिए तीन प्रकार की टीमें तैनात की गई हैं। स्वास्थ्य शाखा की ओर से रसूखदारों, जनप्रतिनिधि तथा अधिकारियों की कॉलोनियों को चिह्नित कर अलग से सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वे प्रतिदिन सुबह माननीयों के घर के सामने व कॉलोनी में झाड़ू लगाकर कचरे का उठाव करते हैं। वहीं बाकी अन्य साधारण कॉलोनियों की जनता के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। आम जनता के नाली जाम की शिकायत की भी दो से तीन दिन बाद तक सुनवाई नहीं होती।

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