India Languages, asked by TanayaPanda, 10 months ago

essay on swarn Mandir in Hindi...​

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Answered by bhagirath19
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Answer:

स्वर्ण मंदिर पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है और सिक्खों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। यहाँ पर हर धर्म के लोग जाते हैं। इसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब है भगवान का मंदिर। सिक्ख यहाँ पर किसी खास दिन जैसे जन्मदिन, विवाह आदि पर अवश्य जाते हैं। यहाँ पर दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा लंगर लगता है और लाखों लोग उस लंगर को खाते हैं। यहाँ पर हलवे की व्यवस्था हमेशा रहती है। हरमंदिर साहब में प्रवेश करने के चार द्वार है जो कि यह दर्शाते है कि दुनिया कि किसी भी दिशा से किसी भी धर्म को लोग यहाँ आ सकते हैं। मंदिर के बीच में एक बहुत बड़ा सरोवर है जिसे सबसे पवित्र सरोवर माना जाता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से उस सरोवर में स्नान करे तो उसकी सारी इच्छाएँ पूर्ण हो जाती है।

Answered by aryankumar0822offici
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Answer:

Explanation:

स्वर्ण मंदिर  सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थान है इसे हरमन्दिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है । हरमन्दिर साहिब में जाने के लिए चारों दिशाओं में दरवाजे रखे हुए हैं जिसका उदेश्य संसार की चारों दिशाओं में से लोग बिना किसी भेद –भाव के आ जा सकते हैं । स्वर्ण मंदिर में रोज़ाना लंगर चलता रहता है तकरीवन एक लाख से भी ज्यादा लोग लंगर छकते हैं ।

गुरु अर्जन साहिब जो सिखों के पांचवें गुरु हुए उन्होंने ही स्वर्ण मन्दिर को बनाने का कार्य शुरू करवाया था । गुरु अर्जन साहिब ने लाहौर के एक सूफ़ी संत मियां मीर जी से सन 1588 ई: में हरमन्दिर साहिब की नींव रखवाई थी और सन 1601 ई: में स्वर्ण मंदिर साहिब का पूर्ण निर्माण पूरा हुआ।

आदि ग्रंथ साहिब का स्वर्ण मंदिर में पहला प्रकाश 16 अगस्त 1604 ई: को किया गया बाबा बुड्ढा जी हरमन्दिर साहिब के पहले पुजारी थे । रोज़ाना एक लाख से भी ज्यादा लोग स्वर्ण मन्दिर के दर्शन करने आते हैं स्वर्ण मंदिर को धार्मिक एकता का प्रतीक माना जाता है यहां पर आने वाले हर इन्सान की मनोकामना पूरी होती है।

स्वर्ण मन्दिर के बीचो –बीच सरोवर बना हुआ है इस सरोवर को सबसे पवित्र सरोवर माना जाता है। ऐसा माना जाता है के जो इस सरोवर में सच्ची श्रद्धा से स्नान करता है उसकी हर  इच्छा पूरी हो जाती है उसके सारे पाप इस सरोवर में स्नान करने से धुल जाते हैं इसीलिए इस मन्दिर को सिखों का देवस्थान भी कहा जाता है।

अफ़गानों और मुगलों के द्वारा इस स्वर्ण मंदिर पर कई हमले भी किये गए हैं । परन्तु हर वार इसका पुनर्निर्माण करवाया गया अकबर के शासन काल के दौरान हर मन्दिर साहिब का निर्माण करवाया गया।  इस मंदिर के चारों तरफ़ सोने की परत चढ़ाई हुई है जो इसे और आकर्षित बनाती है यहां पर हर त्यौहार बड़ी ही धूम –धाम से मनाया जाता है

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