Hindi, asked by kawalwadwagmailcom, 1 year ago

essay on दादो माॅ in about 50 words


sujeetgupta1: hello
sujeetgupta1: dadi maa se hi puchh lo apke bare me kya likhu
Anonymous: Bro if on every question we will say such things so I don't think there will be any question to answer because every question's answer can be seen through net.......

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Answered by S4MAEL
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मेरी दादी माँ मेरी सबसे प्यारी सहेली है। उनकी उम्र 60 वर्ष हैं। वह उस समय की बी.ए. पढ़ी हुई हैं। पहले वे एक सरकारी स्कूल में स्कूल टीचर के पद पर कार्यरत थी। अब रिटायर्ड हो चूकी हैं। माता-पिता चूंकि काम करते हैं। अतः दादी माँ ही मेरा ख्याल रखती हैं। छोटे से ही दादी माँ की ममता की छाया मेरे साथ रही हैं। उनसे मैं अपने दिल की हर बात करती हूँ। वे मेरी हर बात को धैर्य से सुनती हैं। मेरी परेशानियाँ के हल भी उनके पास  उपलब्ध रहते हैं। वे मुझे कभी अकेली नहीं छोड़ती हैं। पढ़ाई से लेकर खेलकूद में वे मेरे साथ रहती हैं। उनका प्यार-दुलार कभी मेरी पढ़ाई के आड़े नहीं आया है। वह बहुत अनुशासन प्रिय हैं और मुझे भी अनुशासन में रखती हैं।  स्कूल टीचर होने के नाते वह पढ़ाने में भी बहुत अच्छी है। मेरे अन्य दोस्त भी उनसे पढ़ने आते हैं। हमें वे खेलों के विषय में भी समझाती हैं और हमें खेलने के लिए भी प्रेरित करती है। उनके कारण ही हमने एक क्रिकेट टीम बनाई है। हमारे माता-पिता से उन्हीं ने इस विषय पर बात की और हमारी क्रिकेट टीम बनाने में सहायता की। मेरे लिए वह एक मित्र, गुरु और प्यारी दादी हैं। उनके प्रेम और सेवाभाव से पता चलता है कि घर में एक बड़े व्यक्ति होने के क्या लाभ हैं। वे हमें गाइड करते हैं, हमें सही सीख देते हैं और हमारे जीवन को सही दिशा भी देते हैं। उनका प्यार ही है कि मैं आज एक अच्छा विद्यार्थी हूँ।

hope it helps
Answered by Anonymous
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मां शब्द जिस से हम सब बहुत ही अछि तरह से परिचित हैं. इसकी गहराई, इसकी महत्वता, इसकी पवित्रता को सब बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. यह वो रिश्ता है , जो एक इंसान को उसके अस्तित्व के होने का एहसास दिलाता है. अगर मां नही होती तो , बचा इस दुनिया में आयेगा कैसे.
जब वो इस दुनिया में आयेगा तभी तो बाकी सारे रिश्ते नातों को प्रसिद्ध तरीके से पा सकेगा. लेकिन यहाँ में जिस रिश्ते की बात कर रही हूँ , वो माँ नही दादी माँ है. जिस तरह माँ एक शीतल छाया का एहसास दिलाती है , उसी तरह दादी माँ एक मीठी सी प्यार भरी मिठास है , जो जिस बच्चे को मिलती है , वही उसकी अहमियत को समझ सकता है.
दादी जिसे हर चीज का तजुर्बा दुगना होता है , क्यूंकि वो पापा की माँ होती है , जिसमे ममता के साथ लाड़ प्यार भरा रहता है.वो हर बात पर स्टिक नही होती है मगर माँ के प्यार में ममता ओर अनुशासन दोनो होते हैं. दादी एक बूढ़े बरगद की तरह होती है , जो पूरे घर की जिम्मेदारी संभालती है.
मुझे जब मेरी दादी की छवि याद अाती है , तो आँखों के सामने एक तस्वीर सी घूम जाती है. माथे पर चौड़ी सी लाल बिंदी के साथ , बड़े ही सलीके से बांधी हुई सूती साड़ी जब तक मेरे दादाजी थे तब तक मैने कभी भी चाहे वो कोई भी समय होता सुबह दुपहर शाम , उनका माथा सुना नही देखा. वो एक मजबूत नीम की तरह थी. बच्चों को कहानी सुनाते सुनाते , इतने अच्छे संस्कार डाल देना एक दादी ही कर सकती है. मुझे याद है रात के समय जब भी मेरी नींद खुलती और मुझे डर का एहसास होता,में उन्हे धीरे से पूछते अम्माजी सो गाई क्या और उनका जवाब होता नही. मैने कभी उनके मुख से यह नही सुना की हाँ , और वो रात जब घर में रात में लाइट नही होती थी और तब वो पंखा चलकर मुझे सुलाती थीे और मेैे रात को किसी भी पहर उठती तो देखती कि वो अभी भी पंखा चला रही हैं और फिर वही सुबह वो 4 बजे उठ जाती.
मेरी दादी की छवि एक ऐसी छवि थी जो अनुशासन , नेत्रत्व , ओर ग्यान से परिपूर्ण थी. जहां उनके बनाये नियम ओर ममता की बात आती थी , हमेश नियम ही जीत ते थे. मुझे उनकी यह बात हमेशा लुभाती, की सामने वाला चाहे जित्न् अभी बड़ा आदमी हो , है तो वो हमारी तरह ही इंसान , इसलिये किसी से भी सही बात करने से झिझुकना नही चाहिये.
वो अपने जीवन में पाँचवी पास थी , लेकिन धर्म के ग्यान से लेकर तो विग्यान के ग्यान तक उन्हे पूरा ग्यान था. वो रूडी वादी बिल्कुल नही थी , मगर उनमे अहंकार था. में कहाँ अपनी बात लेकर बैठ गयी , इन सब बातों को करने का मेरा मकसद एक ही था, जहां मानुषय के जीवन में माँ बाप का स्थान सर्वोपरि होता है ,उसी के साथ सॅत दादा दादी के अहमियत भी कम नही होती है.
हम जिसे बचपन कहते हैं , वो माँ के आंचल के साथ साथ दादी की गोद के बिना पूर्ण नही कहलाता है. लेकिन आज परिवार एकांकी रहने लगे हैं. उन्हे किसी की भी दखल अंदाज़ी पसंद नही है , इसलिये इन सब बातों को समझ पायें , यह भी ज़िंदगी के सफर का एक हिस्सा था .


Hope it helps you!!!
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