essay on the generation of computer in hindi.
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प्रस्तावना :आज मानव तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बेतहाशा व्याकुल हैं। आज मानव हर क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। आजकल संस्थाओं तथा उद्योग धंधों में कम्यूटर का प्रयोग विशाल पैमाने पर हो रहा है।
साथ ही हर छोटी से छोटी समस्या को सुलझाने के लिए भी कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। चाहे वो मोबाइल में रिचार्ज करवाना हो या फिर बिजली का बिल भरने का कार्य। कम्प्यूटर आज रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं में से एक बन चुका है।
साथ ही हर छोटी से छोटी समस्या को सुलझाने के लिए भी कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। चाहे वो मोबाइल में रिचार्ज करवाना हो या फिर बिजली का बिल भरने का कार्य। कम्प्यूटर आज रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं में से एक बन चुका है।
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Hi
●कंम्यूटर का शुरूआती दौर ऐसा ना था, यह शुरूआत में बहुत बडें, भारी और मॅहगें हुआ करते थे। समय के हिसाब से इसकी तकनीक में बहुत से बदलाव हुए, इन बदलवों से कंप्यूटरों की नई पीढीयों का जन्म होने लगा, हर पीढ़ी के बाद कंम्यूटर की आकार-प्रकार, कार्यप्रणाली एवं कार्यक्षमता में सुधार होता गया, तब जाकर आज के समय का कंम्यूटर बन पाया -
--》पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1942-1955) :-
इस पीढी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) का प्रयोग किया जाता था, जिसकी वजह से इनका आकार बहुत बडा होता था और बिजली खपत भी बहुत अधिक होती थी। यह ट्यूब बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करते थे। इन कंम्यूटरों में ऑपरेंटिग सिस्टम नहीं होता था, इसमें चलाने वाले प्रोग्रामों को पंचकार्ड में स्टोर करके रखा जाता था। इसमें डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत सीमित होती थी। इन कंप्यूटरों में मशीनी भाषा (Machine language) का प्रयोग किया जाता था।
--》दूूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1956-1963) :-
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर ने ले ली। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से काफी बेहतर था। इसके साथ दूसरी पीढी के कंप्यूटरों में मशीनी भाषा (Machine language) के बजाय असेम्बली भाषा (Assembly language) का उपयोग किया जाने लगा, हालांंकि अभी भी डाटा स्टोर करने के लियेे पंचकार्ड का इस्तेेमाल किया जाता था।
--》तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1964-1975) :-
यहाॅ तक अाते अाते ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) यानि अाईसी ने ले ली और इस प्रकार कंप्यूटर का अाकार बहुत छोटा हो गया, इन कंम्यूटरों की गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका। यह कंम्यूटर छोटे अौर सस्ते बनने लगे और साथ ही उपयोग में भी अासान होते थे। इस पीढी में उच्च स्तरीय भाषा पास्कल और बेसिक का विकास हुआ। लेकिन अभी भी बदलाव हो रहा था।
--》चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1967-1989) :-
चिप तथा माइक्रोप्रोसेसर चौथी पीढी के कंप्यूटरों में आने लगे थे, इससे कंप्यूटरों का आकार कम हो गया और क्षमता बढ गयी। चुम्बकीय डिस्क की जगह अर्धचालक मैमोरी (Semiconductor memory) ने ले ली साथ ही उच्च गति वाले नेटवर्क का विकास हुआ जिन्हें आप लैन और वैन के नाम से जानते हैं। ऑपरेटिंग के रूप में यूजर्स का परिचय पहली बार MS DOS से हुआ, साथ ही कुछ समय बाद माइक्रोसॉफ्ट विंडोज भी कंप्यूटरों में आने लगी। जिसकी वजह से मल्टीमीडिया का प्रचलन प्रारम्भ हुआ। इसी समय C भाषा का विकास हुआ, जिससे प्रोग्रामिंग करना सरल हुआ।
--》पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1989 से अब तक ):-
Ultra Large-Scale Integration (ULSI) यूएलएसआई, ऑप्टीकल डिस्क जैसी चीजों का प्रयोग इस पीढी में किया जाने लगा, कम से कम जगह में अधिक डाटा स्टोर किया जाने लगा। जिससे पोर्टेबल पीसी, डेस्कटॉप पीसी, टेबलेट आदि ने इस क्षेञ में क्रांति ला दी। इंटरनेट, ईमेल, WWW का विकास हुआ। आपका परिचय विडोंज के नये रूपों से हुआ, जिसमें विडोंज XP को भुलाया नहीं जा सकता है। विकास अभी भी जारी है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर जोर दिया जा रहा है। उदाहरण के लिये विडोंज कोर्टाना को आप देख ही रहे हैं।
♡I hope u got ur answer♡
●कंम्यूटर का शुरूआती दौर ऐसा ना था, यह शुरूआत में बहुत बडें, भारी और मॅहगें हुआ करते थे। समय के हिसाब से इसकी तकनीक में बहुत से बदलाव हुए, इन बदलवों से कंप्यूटरों की नई पीढीयों का जन्म होने लगा, हर पीढ़ी के बाद कंम्यूटर की आकार-प्रकार, कार्यप्रणाली एवं कार्यक्षमता में सुधार होता गया, तब जाकर आज के समय का कंम्यूटर बन पाया -
--》पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1942-1955) :-
इस पीढी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) का प्रयोग किया जाता था, जिसकी वजह से इनका आकार बहुत बडा होता था और बिजली खपत भी बहुत अधिक होती थी। यह ट्यूब बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करते थे। इन कंम्यूटरों में ऑपरेंटिग सिस्टम नहीं होता था, इसमें चलाने वाले प्रोग्रामों को पंचकार्ड में स्टोर करके रखा जाता था। इसमें डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत सीमित होती थी। इन कंप्यूटरों में मशीनी भाषा (Machine language) का प्रयोग किया जाता था।
--》दूूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1956-1963) :-
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर ने ले ली। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से काफी बेहतर था। इसके साथ दूसरी पीढी के कंप्यूटरों में मशीनी भाषा (Machine language) के बजाय असेम्बली भाषा (Assembly language) का उपयोग किया जाने लगा, हालांंकि अभी भी डाटा स्टोर करने के लियेे पंचकार्ड का इस्तेेमाल किया जाता था।
--》तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1964-1975) :-
यहाॅ तक अाते अाते ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) यानि अाईसी ने ले ली और इस प्रकार कंप्यूटर का अाकार बहुत छोटा हो गया, इन कंम्यूटरों की गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका। यह कंम्यूटर छोटे अौर सस्ते बनने लगे और साथ ही उपयोग में भी अासान होते थे। इस पीढी में उच्च स्तरीय भाषा पास्कल और बेसिक का विकास हुआ। लेकिन अभी भी बदलाव हो रहा था।
--》चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1967-1989) :-
चिप तथा माइक्रोप्रोसेसर चौथी पीढी के कंप्यूटरों में आने लगे थे, इससे कंप्यूटरों का आकार कम हो गया और क्षमता बढ गयी। चुम्बकीय डिस्क की जगह अर्धचालक मैमोरी (Semiconductor memory) ने ले ली साथ ही उच्च गति वाले नेटवर्क का विकास हुआ जिन्हें आप लैन और वैन के नाम से जानते हैं। ऑपरेटिंग के रूप में यूजर्स का परिचय पहली बार MS DOS से हुआ, साथ ही कुछ समय बाद माइक्रोसॉफ्ट विंडोज भी कंप्यूटरों में आने लगी। जिसकी वजह से मल्टीमीडिया का प्रचलन प्रारम्भ हुआ। इसी समय C भाषा का विकास हुआ, जिससे प्रोग्रामिंग करना सरल हुआ।
--》पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (Timeline - 1989 से अब तक ):-
Ultra Large-Scale Integration (ULSI) यूएलएसआई, ऑप्टीकल डिस्क जैसी चीजों का प्रयोग इस पीढी में किया जाने लगा, कम से कम जगह में अधिक डाटा स्टोर किया जाने लगा। जिससे पोर्टेबल पीसी, डेस्कटॉप पीसी, टेबलेट आदि ने इस क्षेञ में क्रांति ला दी। इंटरनेट, ईमेल, WWW का विकास हुआ। आपका परिचय विडोंज के नये रूपों से हुआ, जिसमें विडोंज XP को भुलाया नहीं जा सकता है। विकास अभी भी जारी है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर जोर दिया जा रहा है। उदाहरण के लिये विडोंज कोर्टाना को आप देख ही रहे हैं।
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raksha1993:
plz mark as brainliest
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