Essay on the Internet Revolution in Hindi
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⭐⭐Heyaa!⭐⭐
✴Here's uhr Essay✴
वर्तमान समय की इंटरनेट नीति का भारत सरकार के द्वारा नवम्बर 1998 के दौरान निर्णय लिया गया और इसने भारत को सूचना तकनीक की क्रांति में सबसे आगे रख दिया । यह सच में भारतीय कार्यकर्ताओं व्यापारियों और व्यवसायों के लिए अच्छा चिह्न है और यह सूचना तकनीक के क्षेत्र में प्रगति का द्वार साबित हो रहा है ।
इस संबंध में सरकार ने जो निर्णय लिए हैं, वह निम्न हैं:
⚫ निजी इंटरनेट सेवा को उपलब्ध कराने वालों को द्वार को स्थापित करने की इजाजत मिल गई, ताकि इंटरनेट के जरिए एक-दूसरे से जुड़ा रहा जा सके ।
⚫ लाइसेंस पन्द्रह सालों के लिए लागू किया गया । पहले पाँच सालों से कोई लाइसेंस फीस नहीं है और बाद के सालों में हर साल एक रुपया फीस लागू की गई ।
⚫ आई.एस.पी को अपने टैरिफों को निर्धारित करने की इजाजत दे दी जाएगी । इस नीति के चलते सरकार ने कुछ निजी आईएसपी को लाइसेंस जारी कर दिए और ज्यादा लाइसेंस उनको जारी किए गए जो पंक्ति में इंतजार कर रहे थे ।
निजीकरण ने इंटरनेट सुविधाओं की कीमतों में कमी कर दी है । इससे इंटरनेट में कार्य करना आसान बना दिया गया है । कम्प्यूटर यंत्रों की कीमतें पिछले दो सालों से गिर गई हैं तब भी इंटरनेट भारत में आम आदमियों की पहुंच से दृर है । ई-मेल और ई-कॉम बहुत जल्द गति पकड़ रहे हैं पर सिर्फ कोरपोरेट क्षेत्र में ।
शहरी क्षेत्र में ई-मेल का इस्तेमाल आनंद और दोस्ती के लिए किया जाता है । कोरपोरेट इस्तेमाल करने वाले ई-मेल व ई-कॉम का और दूसरी वेब-सरफिंग गतिविधियों का इस्तेमाल अपनी कोरपोरेट बढ़ोतरी के लिए कर रहे हैं । विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट की कीमतें कम हैं । विद्यार्थी इंटरनेट का कनैक्शन 100 घंटे के लिए 3,500 रु. की कम से कम लागत में ले सकते हैं । पर कम्प्यूटर हार्डवेयर सस्ता करना होगा ।
बहुत से अखबारों और पत्रिकाओं की इंटरनेट पर अपनी वेबसाइट है । इंटरनेट पर लगभग 300 सर्च इंजन हैं, जो लगभग हर चीज के बारे में सूचना उपलब्ध कराते हैं, चाहे वह ब्रह्माण्ड से जुड़ी हो, विज्ञान, दवाई, मित्र, तकनीक या यातायात, विश्व के राष्ट्रों, घोटालों, किताबों, पत्रिकाओं, खरीदने और बेचने के तरीके, साहित्य, खेल, तत्कालीन घटनाएँ, शिक्षा आदि कुछ प्रिय विषय हैं, जिनके लिए सूचना माँगी और ली जाती है ।
ऐसे सर्च इंजन (जैसे याहू) व्यापार, पीले पन्नों और दुनियाभर की दूसरी गतिविधियों के बारे में सूचना देते हैं । दुनिया इंटरनेट क्रांति की वजह से सिकुड़ रही है । भारत में पूरी उम्मीद है कि कार्यकर्ता अधिक से अधिक फायदा लेंगे, जिससे इंजीनियरिंग और प्रबंधन व्यवसायों, मालिकों और युवाओं को मौका मिलेगा, क्योंकि इंटरनेट की कीमतें अब बहुत घट चुकी हैं ।
टेलनेट, इंटरनेट, वैन, यूज़नेट और आई.एस.डी.एन. फोन संचार क्षेत्र में शासन करेंगे यह तरीका नई सहस्राब्दी के व्यापार का होगा । भारत को तकनीक को स्वीकार करने के बाद भी अभी लम्बी राह में जाना है । हमारे बच्चे किसी भी सामाजिक, व्यक्तिगत, आनंदक्रीड़ा, शैक्षिक या व्यापारिक गतिविधियाँ बिना इस सेवा के नहीं ले पाएंगे । यह समय बिल्कुल सही है, जब हम सूचना के उस अति विलक्षण तकनीक पर टिके रहें ।
भारतीयों को सूचना के तरीकों और तकनीकों में महारथ हासिल कर लेनी चाहिए । हमें इंटरनेट की सेवाएँ दुनिया के किसी भी राष्ट्र से ज्यादा चाहिए, हमारी इतनी ज्यादा जनसंख्या, बढ़ती हुई समस्याएँ, बड़ी दूरियां, अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए, इस उपग्रह क्रांति और संचार की बहुत आवश्यकता है । भारत ने हमेशा नई तकनीकों का स्वागत किया है और यह तकनीक भारत की अर्थव्यवस्था को नई और दृष्टिगत ऊँचाई पर ला देगी ।
HOPE IT HELPS YOU
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वर्तमान समय की इंटरनेट नीति का भारत सरकार के द्वारा नवम्बर 1998 के दौरान निर्णय लिया गया और इसने भारत को सूचना तकनीक की क्रांति में सबसे आगे रख दिया । यह सच में भारतीय कार्यकर्ताओं व्यापारियों और व्यवसायों के लिए अच्छा चिह्न है और यह सूचना तकनीक के क्षेत्र में प्रगति का द्वार साबित हो रहा है ।
इस संबंध में सरकार ने जो निर्णय लिए हैं, वह निम्न हैं:
⚫ निजी इंटरनेट सेवा को उपलब्ध कराने वालों को द्वार को स्थापित करने की इजाजत मिल गई, ताकि इंटरनेट के जरिए एक-दूसरे से जुड़ा रहा जा सके ।
⚫ लाइसेंस पन्द्रह सालों के लिए लागू किया गया । पहले पाँच सालों से कोई लाइसेंस फीस नहीं है और बाद के सालों में हर साल एक रुपया फीस लागू की गई ।
⚫ आई.एस.पी को अपने टैरिफों को निर्धारित करने की इजाजत दे दी जाएगी । इस नीति के चलते सरकार ने कुछ निजी आईएसपी को लाइसेंस जारी कर दिए और ज्यादा लाइसेंस उनको जारी किए गए जो पंक्ति में इंतजार कर रहे थे ।
निजीकरण ने इंटरनेट सुविधाओं की कीमतों में कमी कर दी है । इससे इंटरनेट में कार्य करना आसान बना दिया गया है । कम्प्यूटर यंत्रों की कीमतें पिछले दो सालों से गिर गई हैं तब भी इंटरनेट भारत में आम आदमियों की पहुंच से दृर है । ई-मेल और ई-कॉम बहुत जल्द गति पकड़ रहे हैं पर सिर्फ कोरपोरेट क्षेत्र में ।
शहरी क्षेत्र में ई-मेल का इस्तेमाल आनंद और दोस्ती के लिए किया जाता है । कोरपोरेट इस्तेमाल करने वाले ई-मेल व ई-कॉम का और दूसरी वेब-सरफिंग गतिविधियों का इस्तेमाल अपनी कोरपोरेट बढ़ोतरी के लिए कर रहे हैं । विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट की कीमतें कम हैं । विद्यार्थी इंटरनेट का कनैक्शन 100 घंटे के लिए 3,500 रु. की कम से कम लागत में ले सकते हैं । पर कम्प्यूटर हार्डवेयर सस्ता करना होगा ।
बहुत से अखबारों और पत्रिकाओं की इंटरनेट पर अपनी वेबसाइट है । इंटरनेट पर लगभग 300 सर्च इंजन हैं, जो लगभग हर चीज के बारे में सूचना उपलब्ध कराते हैं, चाहे वह ब्रह्माण्ड से जुड़ी हो, विज्ञान, दवाई, मित्र, तकनीक या यातायात, विश्व के राष्ट्रों, घोटालों, किताबों, पत्रिकाओं, खरीदने और बेचने के तरीके, साहित्य, खेल, तत्कालीन घटनाएँ, शिक्षा आदि कुछ प्रिय विषय हैं, जिनके लिए सूचना माँगी और ली जाती है ।
ऐसे सर्च इंजन (जैसे याहू) व्यापार, पीले पन्नों और दुनियाभर की दूसरी गतिविधियों के बारे में सूचना देते हैं । दुनिया इंटरनेट क्रांति की वजह से सिकुड़ रही है । भारत में पूरी उम्मीद है कि कार्यकर्ता अधिक से अधिक फायदा लेंगे, जिससे इंजीनियरिंग और प्रबंधन व्यवसायों, मालिकों और युवाओं को मौका मिलेगा, क्योंकि इंटरनेट की कीमतें अब बहुत घट चुकी हैं ।
टेलनेट, इंटरनेट, वैन, यूज़नेट और आई.एस.डी.एन. फोन संचार क्षेत्र में शासन करेंगे यह तरीका नई सहस्राब्दी के व्यापार का होगा । भारत को तकनीक को स्वीकार करने के बाद भी अभी लम्बी राह में जाना है । हमारे बच्चे किसी भी सामाजिक, व्यक्तिगत, आनंदक्रीड़ा, शैक्षिक या व्यापारिक गतिविधियाँ बिना इस सेवा के नहीं ले पाएंगे । यह समय बिल्कुल सही है, जब हम सूचना के उस अति विलक्षण तकनीक पर टिके रहें ।
भारतीयों को सूचना के तरीकों और तकनीकों में महारथ हासिल कर लेनी चाहिए । हमें इंटरनेट की सेवाएँ दुनिया के किसी भी राष्ट्र से ज्यादा चाहिए, हमारी इतनी ज्यादा जनसंख्या, बढ़ती हुई समस्याएँ, बड़ी दूरियां, अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए, इस उपग्रह क्रांति और संचार की बहुत आवश्यकता है । भारत ने हमेशा नई तकनीकों का स्वागत किया है और यह तकनीक भारत की अर्थव्यवस्था को नई और दृष्टिगत ऊँचाई पर ला देगी ।
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