Essay on the topic Asian games 2018 in Hindi about 80-100 words
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युवा पुरुषों और महिलाओं के जीवन में खेल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेल लोगों को स्वस्थ और फिट रहने में सक्षम बनाता है। खेल लोगों के बीच अनुशासन की भावना पैदा करते हैं। वे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करते हैं। जब विभिन्न देशों से प्रतिभागियों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेम आयोजित किए जाते हैं, तो वे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समझ को बढ़ावा देने के लिए एक लंबा सफर तय करते हैं। खेल युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक चैनलों में निर्देशित करने में मदद करते हैं।
ओलंपिक लाइनों पर एशियाई देशों के लिए विशेष रूप से एक खेल त्यौहार आयोजित करने के विचार को हल करने का श्रेय तीसरे दशक में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य प्रोफेसर जीडी सोंधी को जाता है। इस दिशा में पहला कदम 13 फरवरी, 1 9 4 9 को नई दिल्ली में एशियाई खेलों के संघ का गठन था जब हर चौथे वर्ष एशियाई खेलों को पकड़ने का फैसला किया गया था।
भारत ने शनिवार को एशियाड में सबसे ज्यादा पदक के साथ 2018 एशियाई खेलों को समाप्त किया।
69 एथल्स के साथ अभियान समाप्त करने के लिए भारतीय एथलीटों ने इस साल के एशियाई खेलों के अंतिम दिन चार पदक जीते। भारत 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक के साथ समाप्त हुआ।
69 पदक के साथ, भारत मेज पर आठवें स्थान पर होगा। उनके पास ताइवान (66) और ईरान (5 9) से अधिक पदक हैं लेकिन वे भारत से ऊपर हैं क्योंकि उनके पास भारत की तुलना में अधिक स्वर्ण पदक हैं। जबकि ताइवान में 17 है, ईरान में 1 9 है।
दिन का पहला पदक मुक्केबाजी में आया जब अमित पंगहल ने उज़्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसमेटोव को हराकर पुरुषों की लाइट फ्लाई (4 9 किग्रा) में स्वर्ण जीता। दिन का दूसरा पदक भी एक स्वर्ण था, जिसे पुल पुरुषों की जोड़ी घटना में प्रणब बर्धन और शिखरनाथ सरकार ने जीता था।
दिन की तीसरी पदक भारतीय महिला स्क्वैश टीम द्वारा लाई गई थी क्योंकि वे फाइनल में हांगकांग से 2-0 से हारने के बाद चांदी के लिए बस गए थे और भारत ने पुरुषों की हॉकी में 2-1 से हराकर भारत को कांस्य पदक से हटा दिया था। कांस्य पदक।
देश हमारा प्यारा भारत ,महादेश है एशिया I
हर विद्या में सदा निपुण ,खेल कूद को जीत लिया II
उत्कृष्ट प्रदर्शन भारत का हर क्षेत्र में साथ दिया I
तभी तो पुरे विश्व में ,एक दूजे से सीख लिया II
572 खिलाड़ियों के साथ 18वें एशियाई खेलों में भाग लेने पहुंचे भारत ने गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता को दोहराते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने पहली बार वो कारनामा कर दिखाए जो 67 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ था। 15 स्वर्ण सहित कुल 69 पदक जीतकर भारत ने एक एशियाई खेलों में अपने रिकॉर्ड को बेहतर किया और एक बार फिर अपने स्वर्णिम शिखर पर पहुंच गया। आइए जानें भारत ने एशियाई खेलों में कौन से कारनामे पहली बार किए। भारतीय दल ने 18वें एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक सहित कुल 69 मेडल हासिल किए।
इस प्रदर्शन के साथ ही अपना सबसे ज्यादा पदकों का साल 2010 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारत ने चीन के ग्वांगजू में आयोजित 16वें एशियाई खेलों में 65 पदक हासिल किए थे। इसमें 14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य पदक शामिल थे।
भारत ने एशियाई खेलों में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। भारत ने साल 1951 में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण पदक जीते थे। 18वें एशियाई खेलों में भी भारतीय दल ने 14वें दिन की समाप्ति तक 15 गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिए।
इस तरह 67 साल बाद भारत ने एशियाई खेलों में अपनी स्वर्णिम सफलता को दोहराने में सफल हुआ। 15 वर्षीय विहान ने पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में सिल्वर मेडल हासिल किया। इसके साथ ही वह एशियाई खेलों में सबसे कम उम्र में पदक जीतने वाले भारतीय बन गए। वह निशानेबाजी की डबल ट्रैप में दूसरे स्थान पर रहे।
60 वर्षीय प्रणब बर्धन और 56 वर्षीय शिबनाथ ने ब्रिज में भारत को ब्रिज में स्वर्ण पदक दिलाया। दोनों ने फाइनल में 384 अंक हासिल किए और भारतीय दल के लिए 18वें एशियाई खेलों में 15वां स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही मौजूदा एशियाई खेलों में प्रणब बर्धन पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं। भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट ने महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके साथ ही एशियाड में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।
एशियाड विश्व का खेल जगत में ,सुन्दर क्रीडा क्षेत्र I
पुरुष हो या हो महिला ,सबने देखे नए क्षेत्र II