Hindi, asked by sriti88, 1 year ago

Essay on the topic
खेलो का हमारे जीवन मे महत्व... in hindi
In 200-250 words.
No spamming
if you know then only answer.


harshitagarwal624: HELLo.!

Answers

Answered by shalin1853
3

रूचि बहुत जरूरी है शिक्षा संस्थाओं की भी जिम्मदारी बनती है के वह छात्रों को खेलों का महत्व समझाए और खेल कूद की व्यवस्था करें।

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Essay on Importance of Sports in Life in Hindi – 2

विद्यार्थी जीवन में पढना बहुत जरूरी है पर पढ़ाई के साथ साथ शरीरक और मानसिक फिटनस के लिए खेलना भी उतना ही जरूरी है। खेलने से बच्चे हिट और फिट रहते हैं। टीवी, इंटरनेट, कंप्यूटर और मोबाइल पर समय गंवाने से बेहतर होता है के बाहर दोस्तों के साथ आउटडोर गेम्स खेलना। कंप्यूटर का भी पढ़ाई में अधिक ज्ञान प्राप्त करने का एहम रोल होता है। अगर बस उसे ज्ञान बढाने हेतु प्रयोग किया जाए बेकार की सर्फिंग, पिक्चर देखना समय और दिमाग को ख़राब करता है।

खेलने से बच्चे को कई लाभ होते हैं उनके सम्पूर्ण विकास हेतु उनकी रूचि अनुसार उन्हें विशेष खेल का प्रशिक्षण दिलाया जाए तो बच्चे sports में अपना करियर तक बना सकते हैं। आइये जानते हैं खेलों से बच्चों को होने वाले फ़ायदे –

शारीरक और मानसिक फिटनेस के लिए –

कोई भी खेल खेलने के लिए बच्चों का शरीरक विकास तो होता ही है साथ ही मानसिक भी क्योंकि उन्हें हर समय सुचेत रहना पड़ता है अपनी आंखों, दिमाग और शरीर के अंगों का समय पर प्रयोग जो करना होता है। जैसे चैस में हर समय दिमाग को अलर्ट रखना पड़ता है। उसी प्रकार स्केटिंग करते हुए अपने शरीर को संतुलन में रखना बहुत जरूरी है। बास्केट बाल, टेनिस क्रिकेट, हॉकी और फूटबाल जैसे खेलों में भी उन्हें शरीरक और मानसिक रूप से अलर्ट रहना पड़ता है। इस प्रकार खिलाड़ी अपनी जिन्दगी में भी हमेशा जागरूक रहते हैं।

बच्चे टीम भावना और समय की पाबंदी सीखते हैं –

स्पोर्ट्स में जाने से बच्चे अनुशासित बनते हैं समय की वैल्यू समझते हैं और उनमें टीम भावना जागृत होती है। दूसरों के साथ कैसे व्यवहार करना है, टीम के रहकर शेयर करना। जीत हार का अर्थ समझ आता है। टीम में छोटे बच्चे हैं उनसे प्यार करना और बड़ों के प्रति सम्मानपूर्वक व्यव्हार करना सीखते हैं।

डिप्रेशन से दूर रहते हैं बच्चे –

नियमित खेलने वाले बच्चे अवसाद से दूर रहते हैं क्योंकि उनके पास फ़ालतू बातों का समय नहीं होता क्योंकि वह खेल में व्यस्त रहते हैं। उनकी उर्जा को सही रास्ता खेलों द्वारा मिलता है।

धैर्य और अनुशासन सीखते हैं –

खेलने से बच्चों में धैर्य का विकास होता है उन्हें पता होता है के अपनी बारी आने पर ही खेलना है और वे अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं। समय पर खेल के मैदान पर जाना, अपनी टर्न पर खेलना और कोच की बात को ध्यान से सुनना आदि।

जीत का जज्बा –

खेल में जब बच्चे जीतते हैं तो उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। इस प्रकार जीतने की ललक उनमें बनी रहती है। प्रतियोगिता भावना का विकास होता है जिससे आगे बढने की सोच में भी विकास होता है।

टीवी और मोबाइल से दूरी बढ़ती है –

अगर बच्चे खेलने के लिए नियमित बाहर जाते हैं तो उतनी देर के लिए वे टीवी और मोबाइल से दूर रहते हैं जो उनकी आंखों और दिमाग दोनों के लिए बेहतर है। आजकल बच्चे बचपन से ही टीवी और मोबाइल से जुड़ जाते हैं इसीलिए यदि आप बच्चों को इनसे दूर रखना चाहते हैं तो उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहन करें।

बच्चों में स्फूर्ति बनी रहती है –

सुस्त बच्चों को स्फूर्तिवान बनाने में खेलों का एहम रोल होता है।

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shalin1853: please mark as branliest
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